एनपीए की समस्या के लिए राजग सरकार का निरंकुश रवैया जिम्मेदार: चिदंबरम
बैंकों के एनपीए को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग आज भी जारी है;
नई दिल्ली। बैंकों के एनपीए को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग आज भी जारी है। पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम ने निर्यात ऋण में भारी गिरावट के लिए केंद्र सरकार की बैंकों के डूबे कर्ज (एनपीए) को लेकर निरंकुश रवैए को जिम्मेदार ठहराया है।
For the BJP government, its bloggers and bhakths every problem is a 'legacy' issue. Wish to remind them that lifting 27.1 crore people out of poverty is also a 'legacy' issue.
उन्होंने कहा कि निर्यात बढ़ाने के लिए उचित कदम उठाने के सरकार के दावे के बावजूद जून 2018 में निर्यात घटकर 22,300 करोड़ रुपये रहा जबकि जून 2017 में यह 39,000 करोड़ रुपये था।
Export credit declined from Rs 39,000 crore in June 2017 to Rs 22,300 crore in June 2018.
Yet government claims that it is taking steps to boost exports.
चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, "निर्यात ऋण जून 2018 में घटकर 22,300 करोड़ रुपये रहा गया जबकि जून 2017 में यह 39,000 करोड़ रुपये था। इसके बावजूद सरकार निर्यात बढ़ाने के दावे कर रही है।"
Thanks to the NDA government's heavy-handed approach to the NPA problem, banks have no money to lend and bankers have no mind to lend.
उन्होंने कहा, "एनपीए की समस्या के लिए राजग सरकार का निरंकुश रवैया जिम्मेदार है। बैंकों के पास ऋण देने के लिए पैसा नहीं है और बैंकर्स का उधार देने का मन भी नहीं है।"
UNDP & OPHI report says that 27.1 crore people in India were lifted out of poverty in the 10 years between 2005-06 and 2015-16.
चिदंबरम ने कहा कि संदेह और प्रतिशोध के माहौल के बीच बैंकर सिर्फ अपनी सेवानिवृत्ति के दिन का इंतजार कर रहे हैं।