बुलंदशहर हिंसा: निर्दोष लोगों को जेल भेजने के आरोप में नरसिंहानंद का आमरण अनशन
उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर के स्याना क्षेत्र में गोकशी को लेकर हुई हिंसा में पुलिस पर निर्दोष लोगों को जेल भेजने का आरोप लगाते हुए यति नरसिंहानन्द सरस्वती आमरण अनशन पर बैठ गये;
बुलन्दशहर। उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर के स्याना क्षेत्र में गोकशी को लेकर हुई हिंसा में पुलिस पर निर्दोष लोगों को जेल भेजने का आरोप लगाते हुए अखिल भारतीय संत परिषद के संयोजक यति नरसिंहानन्द सरस्वती अपने समर्थकों के साथ यहां कालाआम शहीद स्थल पर आमरण अनशन पर बैठ गये ।
'धरनास्थल पर स्वामी नरासिहानन्द सरस्वती ने पुलिस पर आरोप लगाया कि गोकशी का विरोध करने वाले निर्दोष लोगों को फर्जी मुकदमें में फंसाकर जेल भेजा जा रहा है । उन्होंने कहा कि पूरे प्रकरण की न्यायिक जाॅच होनी चाहिए ।
उन्होंने कहा कि पुलिस ने जीतू उर्फ जितेन्द्र कुमार मलिक नामक फौजी को आरोपी बनाकर जेल में डाल दिया । इतना ही नहीं पुलिस ने उसके घर में घुसकर परिजनों के साथ मारपीट कर वहां रखे सामान को तोड़फोडकर नष्ट कर दिया। पुलिस ने सीमा की रक्षा करने वाले जवान के सम्मान को ठेस पहुॅचाई है।
उन्होंने कहा कि सुमित की मौत में भी पुलिस ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया । उनका कहना था कि पुलिस निदोर्ष लोगों को झूठे मुकदमें में जेल भेज रही हैं। उन्होंने कहा कि जबतक उनकी माॅगे पूरी नहीं होगी आमरण अनशन जारी रहेगा।
गौरतलब है कि गत तीन दिसम्बर को स्याना क्षेत्र में गोकशी को लेकर ग्रामीणों और पुलिस के बीच हुई झड़प में स्थाना के कोतवाली प्रभारी सुबोध कुमार सिंह के अलावा सुमित नामक युवक की मृत्यु हो गई थी।
इस घटना की एसआईटी से जांच कराई गई । इस मामले में बजरंगदल के जिला संयोजक योगेश राज समेत 67 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। पुलिस अब तक 17 आरोपियों को जेल भेज चुकी है । फरार आरोपियों के घर के बाहर
कुर्की के नोटिस भी चस्पा करने के साथ उनके फोटो सोशल मीड़िया पर अपलोड किए जा चुके हैं। पुलिस की छह टीमें आरोपियों की तलाश में दबिश दे रही है।