नागालैंड:  विद्रोही विधायकों ने राज्यपाल पी बी अाचार्य से की मुलाकात

नागालैंड में चल रही राजनीतिक उठा-पटक के बीच 44 बागी विधायकों ने आज राज्यपाल पी बी अाचार्य के समक्ष शक्ति प्रदर्शन किया;

Update: 2017-07-16 12:34 GMT

नयी दिल्ली।  नागालैंड में चल रही राजनीतिक उठा-पटक के बीच 44 बागी विधायकों ने आज राज्यपाल पी बी अाचार्य के समक्ष शक्ति प्रदर्शन किया। एक बागी विधायक ने यूनीवार्ता से कहा, “हम राज्यपाल पर दबाव नहीं डालना चाहते लेकिन यह हमारी ताकत और एकता का एक प्रदर्शन है।

राज्यपाल को राज्य की वास्तविक राजनीतिक परिस्थितियां जानने का हक है। मुख्यमंत्री एस लीजित्सु सत्ता के भूखे हैं। ” राज्यपाल के साथ मुलाकात में बागी विधायकों का नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री टी आर जेलियांग ने किया इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्य के एकमात्र सांसद निफ्यु रियो भी मौजूद थे।

सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान राज्यपाल ने विधायकों को आश्वासन दिया कि वह संविधान और नियमों के अनुसार कदम उठायेंगे।  इससे पहले कल गुवाहाटी उच्च न्यायालय की कोहिमा पीठ ने आज राज्यपाल पी बी आचार्य के उस निर्देश पर रोक लगा दी जिसमें डाॅ. लीजित्सु को 15 जुलाई तक विधानसभा में बहुमत साबित करने को कहा गया था।

डाॅ. लीजित्सु की रिट याचिका पर सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री को 15 जुलाई तक बहुमत साबित करने का निर्देश दिया जाना पूर्व दृष्टया असंवैधानिक, अवैध, अनियंत्रित और संविधान की मौलिक विशेषताओं का उल्लंघन करने वाला है।

पीठ ने कहा कि विधानसभा उप चुनाव की प्रक्रिया भी जारी है जिसमें डाॅ. लीजित्सु चुनाव मैदान में हैं। ऐसे में उन्हें 15 जुलाई तक बहुमत साबित करने के लिए निर्देश देना उचित नहीं है।

न्यायालय ने कहा कि श्री आचार्य ने यह निर्देश देकर मंत्रिपरिषद की इच्छा का उल्लंघन किया है और अपनी राजनीतिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए राज्यपाल कार्यालय का इस्तेमाल किया है।

मंत्रिपरिषद ने राज्यपाल को इस संबंध में कोई सिफारिश नहीं भेजी थी। इसके बावजूद राज्यपाल ने बिना किसी कानूनी आधार के संविधान के विरूद्ध जाकर याचिकाकर्ता पर अपना निर्णय लाद दिया।

गौरतलब है कि राज्यपाल ने गत 11 जुलाई को डाॅ. लीजित्सु को 15 जुलाई तक विधानसभा में बहुमत साबित करने को कहा था।राजभवन की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया था कि डाॅ. लीजित्सु को 15 जुलाई तक सदन में बहुमत सिद्ध करने का निर्देश दिया गया है।

डाॅ. लीजित्सु ने 22 फरवरी को मुख्यमंत्री का पद संभाला था लेकिन वह अभी तक विधानसभा के सदस्य नहीं बने हैं। उन्हाेंने 11 जुलाई को ही उपचुनाव के लिए उत्तरी अंगामी-1 सुरक्षित विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल किया।

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