कोविंद के बारे में मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया : गहलोत

राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि BJP ने 2017 में गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कोविंद को जातिगत समीकरण को संतुलित करने और किसी खास समुदाय से वोट हासिल करने के लिए राष्ट्रपति बनाया;

Update: 2019-04-18 00:10 GMT

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यहां बुधवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 2017 में गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले रामनाथ कोविंद को जातिगत समीकरण को संतुलित करने और किसी खास समुदाय से वोट हासिल करने के लिए राष्ट्रपति बनाया।

एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा, "मैंने एक आलेख में पढ़ा था, वे इस बात को लेकर चिंतित थे कि गुजरात में उनकी सरकार नहीं बन सकती है। तब अमित शाह ने अपने दिमाग को काम पर लगाया और जातिगत गणित को सही करने के लिए कोविंद जी को राष्ट्रपति बनाया।"

उन्होंने कहा, "मुझे विश्वास है कि पार्टी ने इस दौड़ में भाजपा के दिग्गज लालकृष्ण आडवाणी को बाहर कर कोविंद को राष्ट्रपति बनाने का निर्णय किया।"

जब भाजपा ने चुनाव आयोग से उनके बयान पर संज्ञान लेने का आग्रह किया तो गहलोत ने कहा कि प्रेस वार्ता के दौरान कहे गए 'मेरे बयान को कुछ मीडिया संस्थानों ने गलत तरीके से पेश किया।'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली पर टिप्पणी करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वह पांच वर्षो से केवल जुमला पेश कर रहे हैं।

भाजपा ने उन पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस राष्ट्रपति के विरुद्ध है, जो कि गरीब दलित समुदाय से आते हैं।

पार्टी प्रवक्ता जी.वी.एल.एन. राव ने नई दिल्ली में कहा, "हम चुनाव आयोग से गहलोत को नोटिस देने और एक दिशानिर्देश जारी करने का आग्रह करते हैं कि किसी भी राजनीतिक पार्टी को राष्ट्रपति की आलोचना से संबंधित बयान नहीं देना चाहिए।"

गहलोत ने इसके बाद ट्वीट कर कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मेरे बयान को कुछ मीडिया घरानों ने तोड़-मरोड़ कर पेश किया। मैं भारत के राष्ट्रपति का बहुत सम्मान करता हूं और खासतौर पर रामनाथजी का, जिनसे मैं निजी तौर पर मिल चुका हूं और उनकी सादगी और विनम्रता से बहुत प्रभावित हूं।"

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