मप्र : कांग्रेस के हारे उम्मीदवारों की बैठक में गाया 'वंदे मातरम्'

मध्य प्रदेश में सामूहिक 'वंदे मातरम् गायन' पर अघोषित तौर पर लगाई गई रोक से विवाद में आई कांग्रेस ने अपने ही तरह से जवाब देने की कोशिश की है;

Update: 2019-01-03 23:02 GMT

भोपाल। मध्य प्रदेश में सामूहिक 'वंदे मातरम् गायन' पर अघोषित तौर पर लगाई गई रोक से विवाद में आई कांग्रेस ने अपने ही तरह से जवाब देने की कोशिश की है। कांग्रेस के विधानसभा चुनाव में पराजय झेलने वाले उम्मीदवारों की बैठक की शुरुआत 'वंदे मातरम्' के गान से हुई। राज्य में नवंबर माह में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के 115 उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा था। हार की क्या वजह रही, पार्टी के नेताओं ने किस तरह का सहयोग या असहयोग किया, इसकी समीक्षा के लिए गुरुवार शाम को पार्टी के प्रदेश दफ्तर में हारे हुए प्रत्याशियों की बैठक बुलाई गई। इस बैठक में हार के कारणों की चर्चा हो रही है। 

इस बैठक में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री कमलनाथ विशेष तौर पर उपस्थित रहे। इस बैठक की शुरुआत 'वंदे मातरम्' के गान से हुई। बैठक में 'वंदे मातरम्' गाए जाने को वल्लभ भवन के उद्यान में सामूहिक गान न कराए जाने पर उठे विवाद को शांत किए जाने की जुगत के तौर पर देखा जा रहा है। 

राज्य में भाजपा के शासनकाल में वर्ष 2005 में सामूहिक 'वंदे मातरम्' की शुरुआत हुई थी। हर माह की पहली तारीख को 'वंदे मातरम्' का गान होता आया है, मगर सरकार बदलने के बाद वल्लभ भवन के उद्यान में एक जनवरी को सामूहिक गान नहीं हुआ। इससे सरकार विवादों में घिर गई। सरकार ने 'वंदे मातरम्' गान व्यवस्था में बदलाव के साथ जारी रखने की बात कही और अब पार्टी की बैठक भी 'वंदे मातरम्' के गान से हुई। 

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