पुलिस की गिरफ्त में मोस्ट वांडेट नक्सली एरिया कमांडर

पूर्वी चंपारन में ट्रेन व दो कंपनियों को ब्लास्ट करने के अलावा नरसंहार में वांछित चल रहे कुख्यात नक्सली को नोएडा पुलिस ने धर-दबोचा;

Update: 2018-03-28 14:07 GMT

नोएडा। पूर्वी चंपारन में ट्रेन व दो कंपनियों को ब्लास्ट करने के अलावा नरसंहार में वांछित चल रहे कुख्यात नक्सली को नोएडा पुलिस ने धर-दबोचा। वह यहा सेक्टर-5 में हरौला में अपनी बहन-जीजा के यहा पत्नी के साथ रह रहा था।

रेड के दौरान नक्सली के पास रिवाल्वर बरामद किया गया है। नक्सली की पहचान सुधीर कुमार भगत के रूप में हुई है। वह संगठन का एरिया कमांडर है। साथ ही नोएडा से ही 35 से 40 लोगों के गिरोह को आपरेट कर रहा था। सुधीर पर 50 हजार का इनाम था। इसके पास से दो आईडी एक फर्जी व एक असली मिली है। यहा लोहा सिंह उर्फ अदित्य कुमार पुत्र साधुशरण नि. जाफरपुर, मुज्जफरफुर नाम से फर्जी आई डी बनाकर रह रहा था। यह फजी आईडी उसने नोएडा में ही बनवाई थी।  

सोमवार देर रात एसएसपी, एसपी सिटी और सीओ समेत चार दर्जन से ज्यादा पुलिसकर्मियों की टीम अचानक नोएडा के सेक्टर-5 पहुंची व तलाशी अभियान शुरू हुआ। जल्दी ही ही एक मकान से कुछ पुलिसकर्मी शख्स को पकड़ कर अपनी गिरफ्त में ले लिया। जब उसके नाम का खुलासा हुआ तो हर कोई चौक गया। आरोपी की पहचान बिहार में एक फैक्ट्री को बम से उड़ाने और कई हत्याओं का आरोपी इस नक्सली एरिया कमांडर का नाम सुधीर भगत निकला। 

11 साल पहले किया पहला मर्डर

इसने अपने साथी अनिल राम के साथ मिलकर ग्यारह साल पहले अपने गांव में महेश्वर भगत पर फायरिंग कर उसकी हत्या कर दी। अपने साथियों के साथ मिलकर एक गिरोह बनाया। इसी गिरोह के साथ मिलकर इसने मनन सिह हत्या कांड, भेला सिंह हत्या कांड, मोती पुर प्लांट सीएनी जलाने का काम जैसे संगीन अपराध किए। 2014 में सुधीर ने पूर्वी चंपारन में जनता एक्सप्रेस में ब्लास्ट किया।

फंडिंग के लिए संगठन द्वार भट्टे व अन्य लोगों से 50 हजार प्रतिमाह व बड़े संस्थानों से 3 से 5 लाख रुपए की वसूली करता था। जिससे हथियार खरीदने का काम किया जाता था। यह प्रत्येक गांव में पांच-पांच लोगों का संगठन बनाकर अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था। 

नोएडा को बनाया सेफ प्वाइंट 

नोएडा को सुधीर ने सेफ प्वाइंट बना रखा था। यहा 2012 में इसने गाजियाबाद के एक कॉलेज में बीटेक में दाखिला लिया। 2013 में अनिल राम के साथ जुड़ गया। इसके बाद से यह वारदात को अंजाम देने के लिए बिहार जाता और वापस नोएडा आ जाता।

यहा नकली आईडी के जरिए यह विभिन्न कंस्ट्रक्शन साइटो पर लेबर का काम करता था। यहा जीजा व बहन के यहा रहता था। यह लेबर का काम करते थे। इसने 2015 में आखिरी घटना को अंजाम दिया। जल्द ही नई वारदात को अंजाम देने की फिराक में था। यह गिरोह व बिहार में नक्सल वाद को बढ़ाने के लिए पंपलेट, किताबे व विभिन्न प्रकार के लिटरेचर बाटने का काम करता था।

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