अवैध कॉलोनी पर मोहन सरकार सख्त! काटने वालों के साथ जिम्मेदार अधिकारियों पर होगी कार्रवाई
मध्य प्रदेश के किसी भी शहर का ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है जहां अवैध कॉलोनी का काला कारोबार ना हो रहा हो पहले भू माफियाओं द्वारा नियमों को तक पर रखकर कालोनियां बना ली जाती हैं;
By : गजेन्द्र इंगले
Update: 2024-03-18 10:15 GMT
भोपाल/ ग्वालियर। मध्य प्रदेश के किसी भी शहर का ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है जहां अवैध कॉलोनी का काला कारोबार ना हो रहा हो पहले भू माफियाओं द्वारा नियमों को तक पर रखकर कालोनियां बना ली जाती हैं और उसके बाद सरकार इन्हें वैध घोषित कर कानूनी जामा पहना देती है। लेकिन अब मध्य प्रदेश में सरकार बदलने के साथ-साथ यह स्थिति भी बदलने वाली है क्योंकि प्रदेश की मोहन यादव सरकार ऐसा कानून लाने जा रही है जिसमें अवैध रूप से काटी गई कालोनियां वैध नहीं की जा सकेंगी।
आपको बता दें कि कुछ दिनों पूर्व बिल्डर के साथ बैठक में यह मुद्दा गर्मी था जिसमें बिल्डर का आरोप था कि सरकार सारे नियम कायदे उनके लिए बनाती है, जो सारे नियमों का पालन करते हैं और सरकार को टैक्स देते हैं जबकि अवैध कालोनी काटने वाले पहले कॉलोनी काट देते हैं उसके बाद अपनी कॉलोनी वैध कर लेते हैं।
इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश सरकार ने नए कानून का मसूदा तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है जिसकी जिम्मेदारी नगरी प्रशासन मंत्रालय के प्रमुख सचिव को सौंप गई है इस मसौदे में अवैध कॉलोनी को वैध ना करते हुए कॉलोनाइजर पर रासुका लगाई जाएगी। जी तहसीलदार पटवारी और नगर निगम के क्षेत्राधिकार के क्षेत्र में अवैध कॉलोनी बनेगी ऐसे अधिकारियों पर भी कार्यवाही की जाएगी।
आपको बता दें कि शिवराज सिंह चौहान सरकार ने विधानसभा चुनाव से पूर्व 2022 तक बनी सभी कॉलोनीयों को वेद करने की घोषणा की थी हालांकि यह आदेश अमल में नहीं आ पाया था। मध्य प्रदेश में 8500 ज्यादा अवैध कॉलोनी को सूचीबद्ध किया गया था। शिवराज सरकार ने 6000 कॉलोनी को वैध करने का दवा भी किया था। सूत्रों की माने तो वर्तमान में भी प्रदेश के कई शहरों में अवैध कॉलोनी की संख्या हजारों में है और लगातार कई नई अवैध कालोनियां बन रही है और इन को काटने वाले किसी न किसी राजनीतिक पार्टी से संबंधित हैं ऐसी स्थिति में यह प्रश्न उठता है कि शिवराज सरकार के उलट मोहन सरकार का अवैध कॉलोनीयों पर बनने वाला यह कानून धरातल पर उतर पाएगा कि नहीं।