मोदी ने किया लाइट हाउस प्रोजेक्ट का वर्चुअल शिलान्यास

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश समेत छह राज्यों में लाइट हाउस प्रोजेक्ट का वर्चुअल माध्यम से शिलान्यास किया;

Update: 2021-01-02 01:45 GMT

लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश समेत छह राज्यों में लाइट हाउस प्रोजेक्ट का वर्चुअल माध्यम से शिलान्यास किया।

इस अवसर पर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं केन्द्रीय आवासन एवं शहरी कार्य राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए। इस अवसर पर श्री मोदी ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अन्तर्गत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए उत्तर प्रदेश को सम्मानित किया। उन्होने योजना के अन्तर्गत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले मिर्जापुर नगर पालिका परिषद के अलावा मलिहाबाद और हरिहरपुर नगर पंचायत तथा उत्कृष्ट पूर्ण आवास के लिये लखनऊ, आजमगढ़, हापुड़ के तीन लाभार्थियों को पुरस्कृत किया।

श्री मोदी ने पुस्तक के रूप में संग्रह, नवरीति के लिए पुस्तक, आशा-इण्डिया के विजेताओं पर केन्द्रित लघु फिल्म तथा प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अवाॅर्ड 2019 पर केन्द्रित वीडियो फिल्म का बटन दबाकर अनावरण किया। उन्होंने जीएचटीसी-इण्डिया की यात्रा पर केन्द्रित, नई तकनीक के संग्रह, नई निर्माण तकनीकों (नवरीति) के पाठ्यक्रम पर केन्द्रित लघु फिल्म का विमोचन भी किया।

उन्होने कहा कि केन्द्र सरकार ने वर्ष 2022 तक देश के सभी बेघर परिवारों को पक्का मकान उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है। लाइट हाउस प्रोजेक्ट इस लक्ष्य को हासिल करने में प्रकाश स्तम्भ सिद्ध होगा। यह परियोजना देश में हाउसिंग कंस्ट्रक्शन को नई दिशा दिखाएगी। देश के हर क्षेत्र से राज्यों का इस अभियान में जुड़ना को-आपरेटिव फेडरलिज्म की हमारी भावना को और मजबूत कर रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्तमान केन्द्र सरकार स्पष्ट विजन के साथ आगे बढ़ रही है। पूर्ववर्ती सरकारों ने गरीबों को आवास उपलब्ध कराने की दिशा में कभी भी रुचि लेकर कार्य नहीं किया। लाइट हाउस परियोजना के अन्तर्गत नई तकनीक के माध्यम से लोगों को कम समय में गुणवत्तापूर्ण आवास उपलब्ध हो सकेंगे। यह आवास अधिक टिकाऊ, पर्यावरण अनुकूल और आपदारोधी होंगे। उन्होंने इंजीनियर, विद्यार्थियों और प्रोफेसरों से अपील की कि वे इन साइटों पर जाएं और इनका अध्ययन करें।

उन्होने कहा कि घर की चाबी मिलना, सिर्फ दरवाजा या दीवार का मालिकाना हक नहीं होता है। यह चाबी लोगों के विकास एवं उनकी प्रगति के द्वार भी खोलेगी। साथ ही, लोगों के दिमाग भी खोलेगी, क्योंकि जब मकान अपना होता है, तो हमें बचत की आदत भी पड़ती है और समाज में सम्मान भी मिलता है। हर किसी का सपना अपना घर होता है, क्योंकि घर मुश्किल घड़ी में गारण्टी भी होता है। लाॅकडाउन के दौरान लोगों ने प्रवासी मजदूरों की परेशानियों को देखा। बड़े-बड़े शहरों में उन्हें उचित सम्मान नहीं मिलता था। लेकिन जब यह श्रमिक अपने गांव चले गये तो इनके महत्व का पता उद्योगपतियों को लगा। सरकार इन मजदूरों के लिए वहीं पर घर बनाने जा रही है, जहां पर यह काम करते थे।

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