किसानों के राष्ट्रव्यापी रेल रोको आंदोलन का मिश्रित असर

केद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से अपने आंदोलन को और विस्तार देने के लिए गुरुवार को आहूत रेल रोको आंदोलन का मिला-जुला असर रहा;

Update: 2021-02-19 09:16 GMT

नई दिल्ली। केद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से अपने आंदोलन को और विस्तार देने के लिए गुरुवार को आहूत रेल रोको आंदोलन का मिला-जुला असर रहा।

दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक आहूत रेल रोको आंदोलन का पंजाब और हरियाणा समेत कुछ राज्यों में व्यापक असर देखा गया जबकि बिहार और कई अन्य राज्यों में इसका मिला-जुला असर रहा। उत्तराखंड जैसे भारतीय जनता पार्टी शासित राज्यों में आंदोलन बेअसर रहा।

पंजाब की किसान यूनियनों ने अनेक स्थानों पर ट्रैक पर धरना देकर ट्रेन यातायात अवरूद्ध किया जिससे यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा।

इस आंदोलन के दौरान कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। रेल पटरी पर धरना दे रहे और प्रदर्शन कर रहे किसानों एवं उनके समर्थकों को विभिन्न स्थानों पर हिरासत में लिया गया लेकिन बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार के तीन नये कृषि कानूनों को लेकर करीब तीन महीनों से देश की राजधानी दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर विरोध कर रहे किसान संगठनों ने आज चार घंटे एकदिवसीय देशव्यापी रेल रोको आंदोलन की घोषणा की थी।

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