मंत्री शून्यकाल के दौरान उठाए गए मुद्दों पर प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं :  जया बच्चन

 राज्यसभा में सदस्यों ने मंगलवार को सभापति से शिकायत की कि शून्यकाल के दौरान सदस्यों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर मंत्री अपनी प्रतिक्रिया नहीं दे रहे;

Update: 2018-07-24 17:19 GMT

नई दिल्ली। राज्यसभा में सदस्यों ने मंगलवार को सभापति से शिकायत की कि शून्यकाल के दौरान सदस्यों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर मंत्री अपनी प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं। सदस्यों ने उठाए जाने वाले मुद्दों के समयबद्ध जवाब की मांग की। इस मुद्दे को समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन ने उठाया और कई अन्य सदस्यों ने इसका समर्थन किया।

जया बच्चन ने कहा, "एक प्रावधान है..माना जाता है कि मंत्री शून्यकाल में उठाए गए सभी बिंदुओं पर जवाब देंगे लेकिन जवाब नहीं आते। इसलिए जवाब के लिए एक समयबद्ध अवधि तय होनी चाहिए। अन्यथा हम सिर्फ यहां खड़े हो रहे हैं और सरकार से बिना प्रतिक्रिया मिले ही बोले जा रहे हैं।"

राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि वह सांसद से 'सहमत' हैं और कहा कि नियम और पूर्व के उदाहरण कहते हैं कि मंत्रियों को शून्यकाल के बिंदुओं पर सांसद को 'एक पत्र के माध्यम से' जवाब देना होगा।

नायडू ने संसदीय कार्यमंत्री से इस पर ध्यान देने को कहा।

जया बच्चन ने यह भी कहा कि सरकार का जवाब 'समयबद्ध' होना चाहिए और छह महीने से ज्यादा देरी नहीं होनी चाहिए।

नायडू ने मंगलवार को शून्यकाल के दौरान रिकॉर्ड 25 निवेदन जमा करने के लिए सदस्यों की भी सराहना की। आम तौर पर सभापति 10 निवेदनों को स्वीकार करते हैं, लेकिन इस तरह के मामलों के निर्धारित एक घंटे के समय में सभी सांसदों को उनकी बारी नहीं मिलती है।
 

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