मप्र के शहरों में कचरा निपटान प्रबंधन की धीमी रफ्तार से मंत्री नाराज

मध्य प्रदेश के शहरों में कचरे के निपटान के लिए ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की धीमी रफ्तार पर नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने नाराजगी जताई है;

Update: 2020-08-25 05:20 GMT

भोपाल। मध्य प्रदेश के शहरों में कचरे के निपटान के लिए ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की धीमी रफ्तार पर नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने नाराजगी जताई है। साथ ही कचरा निपटान की एक सप्ताह में ठोस रणनीति बनाने पर जोर दिया है। आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी के अनुसार, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने शहरों में ठोस कचरे के निपटाने की धीमी रफ्तार पर अफसरों से सवाल किया और नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि सात क्लस्टरों में शामिल 109 नगरीय निकायों के अतिरिक्त अन्य निकायों में कचरे के प्रसंस्करण के लिए एक सप्ताह में ठोस नीति बनायें। आवश्यकतानुसार नगरीय निकायों में छोटे-छोटे ठोस अपशिष्ट प्रसंस्करण प्लांट लगाने पर विचार किया जा सकता है। हर हाल में यह सुनिश्चित करें कि शहरों में कचरे के ढेर नहीं दिखें।

सिंह ने कहा कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिये जिन क्लस्टरों का टेंडर हो चुका है, वहां पर जल्द कार्रवाई करें। सात क्लस्टरों में से मात्र सागर और कटनी में ही कार्य प्रारंभ हुआ है। ग्वालियर में प्लांट शुरू करने के लिये जरूरी कार्यवाही सात दिन में करें। यदि नगर निगम स्तर पर लापरवाही हो रही है, तो संबंधित अधिकारी के विरुद्घ कार्रवाई करें।

उन्होंने कहा कि नीमच और खंडवा क्लस्टर के संबंध में भी एक सप्ताह में निर्णय लें। रीवा का प्लांट डेढ़ माह में चालू करें। सिंह ने कहा कि मेट्रो रेल के कम्पनी के गठन की कार्रवाई शीघ्र करें। मेट्रो रेल के कार्य में किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं होना चाहिये।

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