हरियाणा का मेवात सबसे पिछड़ा जिला
नीति आयोग ने जिन 115 संभावना वाले जिलों की पहचान की है उनमें से 101 के आँकड़े राज्य सरकारों से मिल गये हैं और इनकी पहली रैंकिंग आज यहाँ जारी की गयी।;
नयी दिल्ली। देश के 101 संभावना वाले (या पिछड़े) जिलों में भी हरियाणा का मेवात सबसे पिछड़ा है, इसके बाद क्रमश: तेलंगाना का आसिफाबाद, मध्य प्रदेश का सिंगरौली, नागालैंड का किफिरे और उत्तर प्रदेश का श्रावस्ती पाँच सबसे पिछड़े जिलों में शामिल हैं।
नीति आयोग ने जिन 115 संभावना वाले जिलों की पहचान की है उनमें से 101 के आँकड़े राज्य सरकारों से मिल गये हैं और इनकी पहली रैंकिंग आज यहाँ जारी की गयी। आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने यह रैंकिंग जारी करते हुये संवाददाताओं को बताया कि रैंकिंग का उद्देश्य किसी जिले को नीचा और किसी अन्य को बेहतर बताना नहीं है। इसका उद्देश्य इन जिलों में आपसी प्रतिस्पर्द्धा पैदाकर विकास के लिए प्रोत्साहित करना है। इससे राज्य सरकारों, स्थानीय सांसदों तथा जिलाधीशों को यह पता चल सकेगा कि किन जिलों में ज्यादा काम करने की जरूरत है।
श्रीकांत ने कहा कि हर जिले को 49 संकेतकों जैसे टीकाकरण, बीच में पढ़ाई छोड़ना, शिशु मृत्यु दर आदि पर अंक दिये गये हैं। हर जिले को यह पता होगा कि वे इन संकेतकों पर अपने ही राज्य तथा देश के सर्वश्रेष्ठ जिलों की तुलना में कहाँ ठहरते हैं और किन संकेतकों पर ज्यादा काम करने की आवश्यकता है।
आज से यह रैंकिंग ऑनलाइन उपलब्ध हो गयी है तथा रियल टाइम डाटा के आधार पर हर महीने की पहली तारीख को नीति आयोग नयी सूची जारी करेगा। अभी 101 जिलों की रैंकिंग उपलब्ध है। श्री कांत ने बताया कि ओडिशा के 10, पश्चिम बंगाल के चार और केरल का एक जिला जल्द ही इस सूची में शामिल हो जायेगा। इन जिलों की पहचान हो चुकी है।