सामूहिक विवाह कार्यक्रम को लेकर मुख्यमंत्री के नाम दिया ज्ञापन
गरीब परिवार विरोध करने की स्थिति में भी नहीं होते हैं व योजना से भी दूरी बना रहे हैं;
ग्रेटर नोएडा। गरीब से गरीब परिवार में भी बेटी की शादी में कुछ दिन पहले से ही कुछ रस्में जिनके बिना शादी पूरी नहीं होती है। सरकार की योजना योजना सामूहिक विवाह के नाम पर हर बार कभी फर्जीवाड़ा कभी शादी से केवल एक रात पहले कार्यक्रम स्थगित कर दुखद मजाक बनाया जा रहा है। गरीब परिवार विरोध करने की स्थिति में भी नहीं होते हैं व योजना से भी दूरी बना रहे हैं। अत: महिला शक्ति उत्थान मंडल की महिलाओं ने कुछ सुझाव व मांगो के साथ सीडीओ के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर विरोध जताया।
महिला शक्ति उत्थान मण्डल ने मांग की है कि रजिस्टर्ड परिवार को शादी की तिथि उसी तिथि पर करवाने की जिम्मेदारी शासन की होनी चाहिए, संख्या कम या ज्यादा से परिवार का कोई लेना देना नहीं होना चाहिए। वर्ष में कुछ निश्चित तिथियों को तय कर कम से कम एक महीने पहले रजिस्ट्रेशन बंद किए जाएं ताकि किसी वजह से कार्यक्रम टल जाने पर परिवार अपने हिसाब से व्यवस्था कर सकें।
उत्थान मण्डल की अध्यक्षा रुपा गुप्ता ने कहा कि हमारे समाज में शादी को ईश्वरीय कार्य माना जाता है उसे खानापूर्ति न करके अपने बच्चों की तरह ही जिम्मेदारी से किया जाए। उन्होंने मांग की है कि योजना का पर्याप्त प्रचार-प्रसार उचित माध्यमों से किया जाए, जिससे अधिक से अधिक जरूरतमंद लाभ ले सकें। इस मौके पर मंजू सिरोही, गीता भाटी, अंजू नारायन, पुष्पा श्रीवास्तव, नीतू सिंह, सुनीता जेटली, रूपा गुप्ता, गुड्डी वर्मा सुनीता तिवारी, रेनू भटनागर आदि महिलाओं का प्रतिनिधि मंडल मिला।