मेधा पाटकर 27 जुलाई से सामूहिक अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठेंगीं
नर्मदा बचाओ आंदोलन की कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने आज राज्य की भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार सरदार सरोवर बांध के विस्थापितों का दमन कर रही है;
भोपाल। नर्मदा बचाओ आंदोलन की कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने आज राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार सरदार सरोवर बांध के विस्थापितों का दमन कर रही है, जिसके विरोध में वे आगामी 27 जुलाई से सामूहिक अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठेंगीं।
पाटकर ने यहां पत्रकारों से चर्चा में यह आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार गुजरात को लाभ पहुंचाने के लिए बांध के डूब प्रभावित हजारों ग्रामीणों का दमन कर रही है। बिना पुनर्वास की व्यवस्था किए सरकार डूब प्रभावितों को जबरन हटा रही है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने उन्हें हटाने के लिए हजारों की संख्या में पुलिस बल बुला लिया है और उन्हें टीन शेड बनाकर उसमें अस्थाई रूप से ठहराया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार उच्चतम न्यायालय के आदेश के फैसले को आधार बताकर डूब प्रभावितों को हटाने के लिए हिंसक रुख अपना रही है और उन्हें 31 जुलाई तक हर हाल में घर खाली कराने में जुटी है।
उन्होंने कहा कि बिना पुनर्वास के सरकार को घर खाली कराने का आदेश नहीं है, लेकिन यह दमनकारी सरकार को न तो किसी कानून की परवाह है और न ही किसी आदेश की।
पाटकर ने कहा कि सरकार के रवैये के चलते नर्मदा घाटी में पिछले 17 दिनों से 21 जगहों पर क्रमिक अनशन पर ग्रामीण बैठे हैं, लेकिन सरकार उनसे बात तक करने को तैयार नहीं है।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश को सरदार सरोवर से एक बूंद पानी का लाभ न होते हुए मात्र गुजरात को पानी की जरूरत मानकर विकास की परियोजना बनाकर प्रदेश के जीते जागते गांवों की आहुति देने में सरकार जरा भी नहीं हिचकिचा रही है।
उन्हाेंने यह भी आरोप लगाए कि शासकीय राजपत्र सूची में 141 गांव के 18386 परिवारों को गांव छोडना होगा, परन्तु इस सूची में गांव में न रहने वाले, दशकों पहले गांव छोडकर चले गए और बैकवाटर लेवल बदलकर जिन्हें डूब से बाहर कर दिया गया है, उनके नाम सम्मिलित हैं। जबकि वर्षो से निवासरत, घोषित विस्थापितों को छोड दिया गया है।