बूचड़खाने बंद होने के कारण सफारी पार्क के शेरों पर संकट

योगी सरकार द्वारा अवैध रुप से चलने वाले बूचडखानों को बंद करने के फरमान के बाद यहां शेरों का पेट भरने के लिए भैंस के मांस के बजाय अब बकरे के गोश्त से काम चलाना पड रहा है;

Update: 2017-03-24 13:00 GMT

इटावा।  उत्तर प्रदेश की नवगठित आदित्यनाथ योगी सरकार द्वारा अवैध रुप से चलने वाले बूचडखानों को बंद करने के फरमान के बाद यहां शेरों का पेट भरने के लिए भैंस के मांस के बजाय अब बकरे के गोश्त से काम चलाना पड रहा है।

इटावा सफारी पार्क के उप निदेशक डा.अनिल कुमार पटेल ने ‘यूनीवार्ता’ को बताया कि सफारी पार्क में छह युवा और दो शावको समेत आठ शेर हैं। उनके खाने के लिए भैंस का मांस दिया जाता रहा है।

पिछले कई दिन से मांस की उपलब्धता ना होने की दशा में शेरों और शावकों को बकरे और मुर्गे के मांस खाने के लिए दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शेरो के लिए बकरे और मुर्गे के मुकाबले भैंस का मांस अधिक बेहतर है।

उन्होंने बताया कि यह अकेले इटावा की समस्या नहीं है बल्कि लखनऊ और कानपुर के चिडियाघर को भी इससे जूझना पड रहा है। इस समस्या को जल्द दूर करने की कोशिश की जा रही है।
 

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