यमुना एवं लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर हादसों को रोकने के उपाय

उत्तर प्रदेश विधान परिषद में मंगलवार को सरकार ने कहा कि यमुना-एक्सप्रेस वे और आगरा लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर होने वाली दुर्घटनाओं को कम करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाये;

Update: 2019-07-24 17:25 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान परिषदरिषद में मंगलवार को सरकार ने कहा कि यमुना-एक्सप्रेस वे और आगरा लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर होने वाली दुर्घटनाओं को कम करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाये हैं ।

प्रश्न प्रहर में समाजवादी पार्टी के मधुकर जेटली ने यमुना-एक्सप्रेस वे और आगरा लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर कितनी दुघटनाएं हुई और कितने लोगों की मौत हुई का सवाल परिवहन मंत्री से पूछा।

सवाल के जवाब में मंत्री डा0 महेन्द्र सिंह ने कहा कि लखनऊ आगरा एक्सप्रेस वे पर पिछले वित्तीय वर्ष में 123 हादसे हुए जबकि यमुना एक्सप्रे-वे पर 162 हादसे हुए। इन हादसों में परिवहन निगम की बसों से आगरा एक्सप्रेस-वे पर तीन हादसे हुए।

उन्होंने कहा कि इन हादसों में लखनऊ आगरा एक्सप्रेस वे पर 130 लोगों की मृत्यु हुई और 251 घायल हुए जबकि यमुना एक्सप्रेस वे पर हुए हादसों में 145 लोगों की मृत्यु हुई और 200 घायल हुए।

इस साल एक अप्रैल से 15 जुलाई के बीच लखनऊ आगरा एक्सप्रेस-वे पर 54 दुर्घटनों में 68 लोगों की मृत्यु हुई जबकि यमुना एक्सप्रेस वे पर भी 54 हादसे हुए और 80 लोगों की मृत्यु हुई। उन्होंने कहा कि इन हादसों में राज्य परिवहन निगम की दो बस दुर्घटनाओं में 31 लोगों की मृत्यु हुई। 

मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठा रही है। लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर प्रत्येक दस किलोमीटर पर गति सीमा के बोर्ड तथा पांच किलोमीटर के अंतराल पर सीट बेल्ट लगाने एवं यातायात नियमों एवं अन्य स्लोगन लिखे हैं।

इतना ही नहीं गति सीमा उल्लंघन करने वाले वाहनों का ई-चालक किया जा रहा है। इतना ही नहीं एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेन्ट सिस्टम के तहत 76 इलेक्ट्रानिक काल बाक्श , 50 सीसीटी कैमरे अपकरण तथा 10 गति मापक एएनपीआर कैमरों की व्यवस्था की गई है।

सिंह ने कहा कि इसके साथ यातायात नियमों को कड़ाई से अनुपालन करने के यातायात पुलिस एवं एक्प्रेस -वे प्राधिकरण व्यवस्था कर रहा है।

उन्होंने बताया कि परिवहन निगम की बसों में पहले 400 किलोमीटर पर दूसरे चालक की बदली होती थी लेकिन अब उसे 300 किलोमीटर कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि चालक को झपकी आने पर उसे जगाने के उपकरण भी लगाये गये हैं। दुर्घटना होने की स्थिति में घायलों को लाने के लिए एम्बुलेंस लगाई गई हैं ।

साथी ही पुलिस के 17 वाहनों की भी व्यवस्था की गई है। इसके अलावा 30-30 टन की श्रमता वाले पांच हाइड्रा क्रेन मार्ग पर लगाये गये हैं। इस बीच मधुकर जेटली और मंत्री के बीच कुछ शब्दों को लेकर एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाये गये। 

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