शिक्षामित्रों में बड़ी संख्या में महिलायें भी हों शामिल - मायावती
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने शिक्षामित्रों के प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हुये प्रदेश सरकार से सहयोगपूर्ण रवैया अपनाने की माँग की;
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने शिक्षामित्रों के प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हुये प्रदेश सरकार से सहयोगपूर्ण रवैया अपनाने की माँग की है। सुश्री मायावती ने आज जारी बयान में कहा कि प्रदेश के शिक्षामित्रों में बड़ी संख्या में महिलायें भी शामिल हैं। उनका जीवन अधर में लटका हुआ है। वे लोग वास्तव में एक प्रकार से सड़क पर आ गये हैं। उनका काम आने वाली पीढ़ी का जीवन सुधारने का है।
उन्होंने प्रदेश सरकार से शिक्षामित्रों के साथ सहयोगपूर्ण रवैया अपनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि शिक्षामित्र राज्य सरकार से न्याय व सहारा पाने के लिये लगातार आन्दोलनरत हैं।
प्रदेश सरकार उनकी सुध लेने को तैयार नहीं दिख रही है। शिक्षामित्रों का वेतन कम करके मात्र 10,000 रूपये मासिक कर दिया गया है।
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि शिक्षामित्र सरकार से कोई न्यायसंगत नीति बनाकर समस्या को हल करने की अपनी माँग के समर्थन में आन्दोलन करते हैं।
भाजपा सरकार उन पर पुलिस की लाठियाँ-डण्डे बरसा रही है जो न्यायोचित नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार को वास्तव में शिक्षामित्रों के प्रति सकारात्मक रुख अपनाकर ऐसी नीति बनानी चाहिये जिससे उनकी नौकरी सलामत रहे और वे दिल-जान से वापस शिक्षण के काम में लग जायें।
सुश्री मायावती ने कांशीराम ग्रीन इको गार्डेन की उपेक्षा पर चिन्ता व्यक्त करते हुये कहा कि पहले आग की घटना और अब वहाँ लगी मूर्तियों की चोरी ने मामले को काफी गम्भीर बना दिया है।
राज्य सरकार को सख़्त कदम उठाना चाहिये ताकि ऐसी घटनाओं को आगे रोका जा सके।
उन्होंने कहा कि इससे पहले इको गार्डेंन व अन्य स्मारकों के रख-रखाव पर समुचित ध्यान दिये जाने के सम्बन्ध में बसपा का प्रतिनिधिमण्डल मुख्यमंत्री से मिल चुका है। ग्रीन इको गार्डेंन एक सार्वजनिक पार्क है जो राजधानी लखनऊ की शोभा है तथा दलितों व पिछड़ों में जन्मे महान सन्तों, गुरुओं व महापुरुषों के आदर-सम्मान से जुड़े होने के कारण इन स्थलों से करोड़ों लोगों की भावनायें भी जुड़ी हुई हैं।
सुश्री मायावती ने कहा कि लखनऊ मेट्रो के सुचारु संचालन में आ रही लगातार बाधाओं से भी प्रदेश की काफी बदनामी हो रही है।इस पर राज्य सरकार को समुचित ध्यान देना चाहिए।