राजस्थान में बसपा का सूपड़ा साफ होने पर भड़कीं मायावती, कहा- कांग्रेस एक धोखेबाज पार्टी

राजस्थान में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के छह विधायकों के कांग्रेस में शामिल हो जाने के बाद बसपा सुप्रीमो एवं उत्तरप्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने कांग्रेस को गैर भरोसेमंद एवं धोखेबाज पार्टी करार दिया;

Update: 2019-09-17 14:03 GMT

जयपुर । राजस्थान में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के छह विधायकों के कांग्रेस में शामिल हो जाने के बाद बसपा सुप्रीमो एवं उत्तरप्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने कांग्रेस को गैर भरोसेमंद एवं धोखेबाज पार्टी करार दिया है।

सुश्री मायावती ने आज ट्वीट कर कहा कि राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की सरकार ने एक बार फिर बसपा के विधायकों को तोड़कर गैर-भरोसेमन्द एवं धोखेबाज़ पार्टी होने का प्रमाण दिया है। यह बीएसपी मूवमेन्ट के साथ विश्वासघात है जो दोबारा तब किया गया है जब बीएसपी वहां कांग्रेस सरकार को बाहर से बिना शर्त समर्थन दे रही थी।

1. राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की सरकार ने एक बार फिर बीएसपी के विधायकों को तोड़कर गैर-भरोसेमन्द व धोखेबाज़ पार्टी होने का प्रमाण दिया है। यह बीएसपी मूवमेन्ट के साथ विश्वासघात है जो दोबारा तब किया गया है जब बीएसपी वहाँ कांग्रेस सरकार को बाहर से बिना शर्त समर्थन दे रही थी।

— Mayawati (@Mayawati) September 17, 2019

उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपनी कटु विरोधी पार्टी एवं संगठनों से लड़ने के बजाए हर जगह उन पार्टियों को ही सदा आघात पहुंचाने का काम करती है, जो उन्हें सहयोग एवं समर्थन देते हैं। कांग्रेस इस प्रकार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विरोधी पार्टी है तथा इन वर्गों के आरक्षण के हक के प्रति वह कभी गंभीर एवं ईमानदार नहीं रही है।

2. कांग्रेस अपनी कटु विरोधी पार्टी/संगठनों से लड़ने के बजाए हर जगह उन पार्टियों को ही सदा आघात पहुंचाने का काम करती है जो उन्हें सहयोग/समर्थन देते हैं। कांग्रेस इस प्रकार एससी, एसटी,ओबीसी विरोधी पार्टी है तथा इन वर्गों के आरक्षण के हक के प्रति कभी गंभीर व ईमानदार नहीं रही है।

— Mayawati (@Mayawati) September 17, 2019

उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा ही बाबा साहेब डा भीमराव अम्बेडकर एवं उनकी मानवतावादी विचारधारा की विरोधी रही। इसी कारण डा अम्बेडकर को देश के पहले कानून मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। कांग्रेस ने उन्हें न तो कभी लोकसभा में चुनकर जाने दिया और न ही भारतरत्न से सम्मानित किया। अति-दुःखद एवं शर्मनाक।

3.कांग्रेस हमेशा ही बाबा साहेब डा भीमराव अम्बेडकर व उनकी मानवतावादी विचारधारा की विरोधी रही। इसी कारण डा अम्बेडकर को देश के पहले कानून मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। कांग्रेस ने उन्हें न तो कभी लोकसभा में चुनकर जाने दिया और न ही भारतरत्न से सम्मानित किया। अति-दुःखद व शर्मनाक।

— Mayawati (@Mayawati) September 17, 2019

उल्लेखनीय है कि सोमवार रात राजस्थान के छह बसपा विधायक राजेन्द्र गुढ़ा, जोगिंदर अवाना, लाखन सिह, दीपचंद खेरिया, संदीप यादव एवं वाजिब अली कांग्रेस में शामिल हो गये।

इससे पहले वर्ष 2009 में भी कांग्रेस की गहलोत सरकार के समय भी छह विधायक कांग्रेस में शामिल हो गये थे।

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