सामूहिक विवाह समारोह समाज के लिए बेहद जरूरी : कोविंद
बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने आज कहा कि बिहार में शराबबंदी की सफलता के बाद अब पूर्ण नशाबंदी और दहेज प्रथा जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ जल्द कदम उठाना चाहिए;
पटना। बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने आज कहा कि बिहार में शराबबंदी की सफलता के बाद अब पूर्ण नशाबंदी और दहेज प्रथा जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ जल्द कदम उठाना चाहिए।
स्थानीय श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित ‘सामूहिक विवाह समारोह’ में मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद श्री कोविंद ने कहा कि बिहार में ‘शराबबंदी’ लागू हुई है।
उसके बेहतर सामाजिक परिणाम नजर आ रहे हैं और अब पूर्ण नशाबंदी, दहेज-उन्मूलन आदि की ओर भी तेजी से कदम बढ़ाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सामूहिक विवाह समारोह समाज के लिए बेहद जरूरी हो गये हैं।
एक तो इनसे फिजूलखर्ची पर नियंत्रण होगा, दूसरे दहेज आदि अन्य सामाजिक कुपरम्पराओं पर भी रोक लगेगी।
श्री कोविंद ने कहा “यह अत्यन्त दुःखद है कि हम आज भी बेटे और बेटियों में फर्क करते हैं ।
आखिर ऐसी मानसिकता वाले लोग समाज को किधर ले जाना चाहते हैं।”
उन्होंने कहा कि भारत में नारियों का गौरवमय इतिहास रहा है।
स्वतंत्रता-आंदोलन के दौरान और उसके बाद भी, भारतीय राजनीति में ही नहीं, ज्ञान-विज्ञान के हर क्षेत्र में एक-से-बढ़कर-एक ऐसे उदाहरण भरे पड़े हैं, जो यह साबित करते हैं कि बेटों से किसी मायने में बेटियों की प्रतिभा कम नहीं है।
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों के ‘दीक्षांत-समारोह’ में स्वर्ण पदक प्राप्त करनेवाले विद्यार्थियों में आधे से अधिक छात्राएं ही रहती हैं। इसके बावजदू दहेज देकर बेटियों की शादियां होती है। इस ओर गंभीरता से सोचना होगा।
उन्होंने कहा कि सामूहिक विवाह-समारोह पूरे राज्य में आयोजित होने चाहिए। श्री कोविंद ने समारोह के दौरान नवविवाहित युवक-युवतियों को सुखमय वैवाहिक जीवन के लिए शुभकामनाएं दी।
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न प्रक्षेत्रों में बिहार का नाम रौशन करनेवाले छह प्रतिभाशाली युवाओं को राज्यपाल ने सम्मानित भी किया।
कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, मां वैष्णव देवी सेवा समिति के अध्यक्ष जगजीवन सिंह और सचिव प्रदीप अग्रवाल उपस्थित थे।