मनोहर लाल खट्टर करें वसुंधरा राजे से भाखड़ा नहर पर काम शुरू करवाने के लिए बात: संपत सिंह

हरियाणा के हिसार और विशेषकर नलवा और आदमपुर क्षेत्रों के किसानों को 2 सप्ताह पानी देने के लिए कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री प्रो़ संपत सिंह ने आज हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से;

Update: 2018-01-17 17:06 GMT

हिसार। हरियाणा के हिसार और विशेषकर नलवा और आदमपुर क्षेत्रों के किसानों को 2 सप्ताह पानी देने के लिए कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री प्रो़ संपत सिंह ने आज हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से बात करके भाखड़ा नहर पर पंजाब क्षेत्र में दोबारा काम शुरू करवाना चाहिए।

प्रो़ सिंह ने यह मांग यहां 2 सप्ताह पानी की मांग को लेकर धरने पर बैठे किसानों से मिलने के बाद की। उन्होंने कहा कि यह मांग हिसार जिले लगभग 196 गांव की है। विशेषकर टेल पर पड़ने वाले नलवा व आदमपुर हल्के के 50 गांव बुरी तरह प्रभावित है जमीन के नीचे का पानी भी खारा है जिसकी वजह से नलकूपों से भी खेती नहीं की जा सकती और किसानों को केवल नहरी सिंचाई पर ही निर्भर रहना पड़ता है इसी कारण किसान बार-बार आंदोलन कर रहे है।

पूर्व मंत्री ने कहा कि पहले इन क्षेत्रों में नहरें 2 सप्ताह चलती थी लेकिन 6 जनवरी, 2001 से बीएमएल बरवाला लिंक चैनल में पानी की सप्लाई 1550 क्यूसिक से घटाकर 1300 क्यूसिक कर दी गई और दो ग्रूपिंग की बजाय 3 ग्रूपिंग कर दी गई तथा 2 सप्ताह से पानी घटाकर 1 सप्ताह कर दिया गया।

प्रो़ सिंह ने कहा कि उनके नलवा हल्के से विधायक बनने के बाद उन्होंने इस समस्या का समाधान निकालने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुडडा से निवेदन किया और हरियाणा सरकार ने 18 जुलाई, 2012 को हरियाणा, पंजाब, राजस्थान व केंद्रीय जल आयोग के उच्च अधिकारियों से बैठक करके भाखड़ा मुख्य नहर की मरम्मत करने व इसे ऊंचा करने के लिए एक योजना केंद्रीय जल आयोग को भेजी।

उन्होंने कहा कि इस योजना का सबंध भाखड़ा नहर से बरवाला ब्रांच को 1300 क्यूसिक की बजाय 1700 क्यूसिक पानी देने से था। इसके लिए भाखड़ा नहर की मरम्मत बुर्जी न. 445000 से बुर्जी न. 466050 तक करनी थी व इसके किनारों की ऊॅचाई 18 फुट की जगह 19.4 फुट किये जाने थे। यह काम पजांब क्षेत्र में होना था। अतः पजांब सरकार ने 19.12.2014 को इसका कुल अनुमानित खर्चा 4.87 करोड़ रू. बताया। हरियाणा सरकार ने इस योजना की प्रशासनिक मंजूरी 21 जनवरी 2015 को देकर 3.72 करोड़ रू. की राशि पजांब सरकार के खाते में जमा करवा दी।

प्रो़ सिंह कहा कि काम तेजी से चल रहा था लेकिन 24 अप्रैल 2015 को राजस्थान मुख्यमंत्री ने पंजाब के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा कि इस नहर की ऊॅचाई बढ़ने से हरियाणा प्रदेश उनके हक का पानी लेगा जिससे उन्हें नुकसान होगा। उन्होंने पंजाब सरकार से कहा कि इस कार्य को तुरंत बंद किया जाए इसलिए पंजाब सरकार ने इस कार्य को मई 2015 में बंद कर दिया। उस समय तक बुर्जी न. 445000 से 462000 बुर्जी न. तक काम पूरा हो गया था, परंतु बुर्जी न. 462000 से 466050 बुर्जी न. तक का कार्य अभी शेष है। इस पर कुल राशि 367.67 लाख खर्च हो चुकी है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि इसके बाद प्रधान सचिव, सिंचाई विभाग हरियाणा सरकार ने इस कार्य को दोबारा शुरू करवाने के लिए पंजाब के प्रधान सचिव सिंचाई विभाग को एक चिट्ठी लिखी है जिस पर न तो उनके हस्ताक्षर, न ही डी.ओ. नम्बर ओर न ही कोई तारिख थी। उन्होंने आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार की नियत पर प्रश्न चिन्ह लगता है।

उन्होंने आरोप लगाया कि यदि श्री खट्टर राजस्थान की मुख्यमंत्री को पत्र लिखते तो हिसार के 196 गांव जिनमें टेल पर पड़ने वाले 50 गांव नलवा और आदमपुर हल्के के किसानों को कष्ट नहीं भोगना पड़ता।
 

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