मणिपुर को उपचार की जरूरत, सरकार का मुझे रोकना दुर्भाग्‍यपूर्ण : राहुल गांधी

मणिपुर में पुलिस द्वारा उनके काफिले को रोके जाने के कुछ ही घंटे बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे ''दुर्भाग्‍यपूर्ण'' बताया और कहा कि वह पूर्वोत्‍तर राज्‍य के लोगों की बात सुनने के लिए आए थे जिसे इस समय उपचार और शांति बहाली की जरूरत है;

Update: 2023-06-29 23:10 GMT

नई दिल्‍ली। मणिपुर में पुलिस द्वारा उनके काफिले को रोके जाने के कुछ ही घंटे बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे ''दुर्भाग्‍यपूर्ण'' बताया और कहा कि वह पूर्वोत्‍तर राज्‍य के लोगों की बात सुनने के लिए आए थे जिसे इस समय उपचार और शांति बहाली की जरूरत है।

राहुल गांधी ने एक ट्वीट में कहा, "मैं मणिपुर के अपने सभी भाइयों और बहनों को सुनने आया हूं। सभी समुदायों के लोग बहुत स्वागत और प्यार कर रहे हैं। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार मुझे रोक रही है। मणिपुर को उपचार की जरूरत है। शांति हमारी एकमात्र प्राथमिकता होनी चाहिए।"

उन्होंने चुराचांदपुर के रास्ते में अपने काफिले को रोके जाने का एक वीडियो भी संलग्न किया, जिसमें पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागते देखा जा सकता है।

राहुल गांधी गुरुवार सुबह दो दिवसीय दौरे पर मणिपुर पहुंचे और उनका जातीय हिंसा प्रभावित राज्य में राहत शिविरों में शरण ले रहे प्रभावित परिवारों से मिलने का कार्यक्रम था।

बिष्णुपुर में उनके काफिले को रोका गया।

कांग्रेस मणिपुर में स्थिति को नियंत्रित करने में विफल रहने के लिए सरकार की आलोचना कर रही है। राज्‍य में 3 मई को हिंसा भड़क उठी थी। कांग्रेस ने स्थिति को नियंत्रित करने में विफल रहने के लिए मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को तत्काल हटाने की भी मांग की है, साथ ही इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर भी सवाल उठाया है।

राहुल गांधी के साथ आए कांग्रेस महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल ने ट्वीट किया, "शुरुआत में हमें अनुमति देने के बाद, मणिपुर के मुख्यमंत्री के आदेश पर राहुल गांधी जी के नेतृत्व में जा रहे हमारे काफिले को बिष्णुपुर के पास रोक दिया गया। ऐसे कदम दुर्भाग्यपूर्ण हैं और लोकतंत्र में इसका कोई स्थान नहीं है।

"ऐसे समय में जब मणिपुर के पीड़ित काफी कुछ बर्दाश्‍त कर हैं, राहुल जी शांति और सद्भाव का संदेश देने के लिए यहां हैं। मणिपुर को आज एक उपचारात्‍मक स्पर्श की जरूरत है, न कि और अधिक कटुता की। पूरे मणिपुर में यात्रा करना, जिन लोगों ने इतना कष्ट सहा है उनसे बातचीत करना और समुदायों को जोड़ना हमारा संवैधानिक अधिकार है।"

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