लेखक अवनींद्रनाथ टैगोर की जयंती पर ममता बनर्जी ने दी श्रद्धांजलि

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अग्रणी कलाकार और लेखक अवनींद्रनाथ टैगोर की जयंती पर मंगलवार को उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की;

Update: 2018-08-07 14:00 GMT

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अग्रणी कलाकार और लेखक अवनींद्रनाथ टैगोर की जयंती पर मंगलवार को उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

बनर्जी ने अपने सोशल नेटवर्किंग पेज पर लिखा, “अग्रणी कलाकार और लेखक अवन ठाकुर (अवनींद्रनाथ टैगोर) को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि।”

जोरासंको में वर्ष 1871 में आज ही के दिन जन्मे अवनींद्रनाथ ने 'इंडियन सोसायटी ऑफ ओरिएंटल आर्ट' का गठन किया था और वह इसके प्रमुख कलाकार थे।

वह प्रतिष्ठित टैगोर परिवार के एक सदस्य थे और कवि रवींद्रनाथ टैगोर के भतीजे थे। उनके दादा और उनके बड़े भाई गगनेंद्रनाथ टैगोर भी कलाकार थे। 

अवनींद्रनाथ भारतीय कला में स्वदेशी मूल्यों का समावेश करने वाले पहले प्रमुख्य व्यक्ति थे। इसी को लेकर उन्होंने प्रभावशाली ‘बंगाल स्कूल ऑफ आर्ट’ की स्थापना की थी जिससे आधुनिक भारतीय पेंटिंग का विकास हुआ। 

'अवन ठाकुर' के रूप में प्रसिद्ध टैगोर एक प्रसिद्ध लेखक भी थे और उन्होंने विशेष रूप से बच्चों के लिए किताबें लिखीं। बंगाली भाषा में बच्चों के लिए लिखे साहित्य में उनकी किताबें- राजकहिनी, बुडो अंग्ला, नालक और खिरेर पुतुल मील का पत्थर हैं। 

ब्रिटिश राज के आर्ट स्कूलों में सिखायी जाने वाली कला के पश्चिमी मॉडल के प्रभाव के खिलाफ उन्होंने मुगल और राजपूत शैली को आधुनिक बनाना शुरू किया और उन्होंने भारतीय पेंटिंग शैली का विकास किया। यही बाद में बंगाल स्कूल ऑफ आर्ट के नाम से जाना गया। 

टैगोर के काम की ऐसी सफलता थी कि ब्रिटिश कला संस्थानों के तहत ही उसे इंडियन सोसायटी ऑफ ओरिएंटल आर्ट के अंतर्गत राष्ट्रीय भारतीय शैली के रूप में न सिर्फ इसे स्वीकार किया गया, बल्कि इसको बढ़ावा भी दिया गया। 

उनकी सबसे प्रमुख उपलब्धि 1930 में बनाई गई अरेबियन नाइट शृंखला की पेंटिंग थी। इन पेंटिंग में अरेबियन नाईट की कहानियाें के माध्यम से बढ़ती महानगरीय संस्कृति की तस्वीर पेश करते हुए उन्होंने तत्कालीन औपनिवेशिक कलकत्ता को सबके सामने लाया। 

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