महागठबंधन प्रधानमंत्री की कुर्सी हथियाने की महादौड़: पीएम मोदी 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी दलों के महागठबंधन को राष्ट्रहित से नहीं बल्कि खुद के अस्तित्व को बचाने और सत्ता हथियाने का प्रयास करार देते हुए कहा है कि इसमें शामिल हर नेता प्रधानमंत्री बनने का;

Update: 2018-07-03 16:57 GMT

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी दलों के महागठबंधन को राष्ट्रहित से नहीं बल्कि खुद के अस्तित्व को बचाने और सत्ता हथियाने का प्रयास करार देते हुए कहा है कि इसमें शामिल हर नेता प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब देख रहा है।

पीएम  मोदी ने कहा कि महा गठबंधन को प्रधानमंत्री की कुर्सी हथियाने की महादौड़ बताया और कहा कि इसमें हर दल का नेता प्रधानमंत्री बनना चाहता है लेकिन गठबंधन का दूसरा सहयोगी उसे पीछे धकेलकर खुद दौड़ जीतना चाहता है। 

उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि वह प्रधानमंत्री बनने के लिए तैयार हैं लेकिन तृणमूल कांग्रेस इसके लिए तैयार नहीं है। ममता बनर्जी खुद प्रधानमंत्री बनना चाहती हैं लेकिन इसमें वाम दलों को दिक्कत है। समाजवादी पार्टी मानती है कि उनका नेता प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे ज्यादा योग्य है। महागठबंधन में जनता की खुशहाली पर किसी का ध्यान नहीं है सबका जोर सत्ता हथियाने पर है। 

उन्होंने कहा कि जहां तक 1977 और 1989 में महागठबंधन बनने की बात है तब स्थितियां अगल थीं। वर्ष 1977 का महागठबंधन आपातकाल के कारण खतरे में पड़े लोकतंत्र को बचाने के लिए था जबकि 1989 का महागठबंधन देश को झकझाेरने वाले बोफोर्स घोटाले के कारण हुए था। इस बार के महागठबंधन के एजेंडा में राष्ट्रहित नहीं बल्कि खुद के अस्तित्व को बचाने, सत्ता हथियाने और मोदी को हटाना है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास उनको हटाने के अलावा और कोई एजेंडा नहीं है।

पीएम मोदी ने कहा कि देश की जनता को यह जानना चाहिए कि गठबंधन को लेकर कांग्रेस की क्या सोच है। इस पार्टी ने 1998 में पंचमड़ी शिवर में तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष ने गठबंधन को गुजरे दौर की राजनीति बाताकर एकल चलो की नीति पर काम करने और एक पार्टी के शासन की इच्छा व्यक्ति की थी। वही कांग्रेस आज सहयोगियों को जुटाने के लिए दर दर भटक रही है। 

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