मध्य प्रदेश: देर रात 2 बजे गिरफ्तार किए गए कांग्रेस कार्यकर्ता, बिना कोई नोटिस दिए ले जाया गया दिल्ली, मचा हड़कंप
मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के तेंदूखेड़ा क्षेत्र में उस वक्त हड़कंप मच गया जब देर रात करीब 2 बजे दिल्ली और राजस्थान पुलिस की संयुक्त टीम ने कांग्रेस कार्यकर्ता मंजीत घोसी को उनके घर से हिरासत में ले लिया;
मध्य प्रदेश : नरसिंहपुर में कांग्रेस कार्यकर्ता गिरफ्तार, पार्टी ने बदले की कार्रवाई बताया
कांग्रेस ने 'राजनीतिक बदले की कार्रवाई' करार देते हुए विरोध शुरू किया
नरसिंहपुर। मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के तेंदूखेड़ा क्षेत्र में उस वक्त हड़कंप मच गया जब देर रात करीब 2 बजे दिल्ली और राजस्थान पुलिस की संयुक्त टीम ने कांग्रेस कार्यकर्ता मंजीत घोसी को उनके घर से हिरासत में ले लिया। मंजीत को बिना कोई नोटिस दिए सीधे दिल्ली ले जाया गया।
यह कार्रवाई सोशल मीडिया पर बिहार विधानसभा चुनाव से जुड़ी कुछ पोस्ट्स को लेकर की गई है, जिनमें मंजीत ने भाजपा पर 'वोट चोरी' और ईवीएम में गड़बड़ी के आरोप लगाते हुए कुछ वीडियो शेयर किए थे। जांच में पता चला है कि मंजीत द्वारा शेयर किए गए अधिकांश वीडियो पुराने हैं या फिर बिहार चुनाव से पूरी तरह असंबंधित हैं। इन वीडियो को भ्रामक तरीके से प्रस्तुत करने के आरोप में दिल्ली और राजस्थान के अलग-अलग थानों में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।
गिरफ्तारी की खबर जैसे ही फैली, कांग्रेस ने इसे 'राजनीतिक बदले की कार्रवाई' करार देते हुए तीखा विरोध शुरू कर दिया। जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुनीता पटेल सुबह-सुबह बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं के साथ तेंदूखेड़ा थाने पहुंचीं और धरना देने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा, "लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की आजादी है। बिहार चुनाव में ईवीएम पर सवाल उठाने वालों में मंजीत अकेले नहीं हैं। देशभर में हजारों लोग पोस्ट कर रहे हैं, लेकिन सिर्फ मध्य प्रदेश के एक कार्यकर्ता को रात के अंधेरे में उठाया जाता है? यह भाजपा की गुंडागर्दी है। हम चुप नहीं बैठेंगे।"
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट कर लिखा, "भाजपा राज में विपक्ष के कार्यकर्ताओं को रातों-रात गायब कर दिया जाता है। मंजीत घोसी की तत्काल रिहाई हो, नहीं तो मध्य प्रदेश में बड़ा आंदोलन होगा।"
उधर, पुलिस प्रशासन ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि यह पूरी तरह कानूनी कार्रवाई है। एडिशनल एसपी संदीप भूरिया ने मीडिया को बताया, "दिल्ली और राजस्थान पुलिस की टीम हमारे साथ समन्वय करके आई थी। उनके पास वैध वारंट और ट्रांजिट रिमांड था। हमने सिर्फ सहयोग किया है। आगे की कानूनी प्रक्रिया दिल्ली में होगी।"
मंजीत घोसी का परिवार कार्रवाई से हैरान है। उनके भाई लक्ष्मीकांत घोसी ने बताया कि रात में अचानक 15–20 पुलिसवाले घर में घुसे। कोई नोटिस नहीं, कोई जानकारी नहीं। सीधे भाई को गाड़ी में बैठाया और ले गए।