लॉकडाउन : पुलिस ने 31 गर्भवतियों को दाखिल कराया, सरिता विहार में इंस्पेक्टर ने बांटे भोजन
दिल्ली पुलिस लॉकडाउन के दौरान इस बात का खास ख्याल रख रही है कि सड़क पर या किसी भी गली मुहल्ले में मौजूद किसी गर्भवती महिला को दिक्कत न हो;
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस लॉकडाउन के दौरान इस बात का खास ख्याल रख रही है कि सड़क पर या किसी भी गली मुहल्ले में मौजूद किसी गर्भवती महिला को दिक्कत न हो। लॉकडाउन के दौरान अब तक दिल्ली पुलिस अलग-अलग स्थानों से 31 गर्भवती महिलाओं को अस्पतालों में दाखिल करा चुकी है।
पुलिस के इस सहयोगी चेहरे के दो ताजा उदाहरण हैं। बीते रविवार को पश्चिमी रेंज के बाहरी जिले नागलोई थाने के बीट अफसर हवलदार अमित, सिपाही पवन को पता चला कि नांगलोई चौक पर कुछ लोग एक गर्भवती महिला को लिए खड़े हैं। लॉकडाउन के दौरान पीड़ित महिला और उसके परिवार को कोई वाहन भी अस्पताल के लिए नहीं मिल रहा था।
हवलदार अमित और सिपाही पवन मौके पर पहुंचे सरकारी जिप्सी से 27 साल की गर्भवती गुड़िया को तत्काल महिला सिपाही नीलम और सहायक पुलिस उपनिरीक्षक परमिंदर की मदद से संजय गांधी अस्पताल में ले जाकर दाखिल कराया।
पश्चिमी रेंज की संयुक्त पुलिस आयुक्त शालिनी सिंह ने मंगलार को आईएएनएस से कहा, "वर्दी में होने के चलते कानून की रखवाली के साथ साथ पुलिस की जिम्मेदारियां आम आदमी से ज्यादा बढ़ जाती हैं। हमें कानून के साथ साथ मानवीय पहलुओं का भी ख्याल रखना चाहिए। लॉकडाउन हो या न हो। अगर सड़क पर कोई परेशानी में है तो फिर सबसे पहले इंसान पुलिस को याद नहीं करेगा तो किसे बुलाएगा। लिहाजा पुलिस को हर वक्त सतर्क रहकर जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक रहना अनिवार्य है।"
इसी तरह दिल्ली पुलिस की एक टीम ने मानवता का उदाहरण मैदान गढ़ी इलाके में पेश किया। यहां एक गर्भवती महिला के परिजनों ने पुलिस से मदद मांगी थी। पुलिस महिला के घर पहुंची। उसके बाद पुलिस वाहन से ही गर्भवती महिला को अस्पताल में दाखिल कराया गया। अब महिला और उसका नवजात स्वस्थ हैं।
लॉकडाउन के दौरान दिल्ली पुलिस और भी कई सरोकारी काम करने में जुटी है। इसका नमूना सोमवार को दिल्ली में देखने को मिला। सरिता विहार थाना क्षेत्र के इंस्पेक्टर इंवेस्टीगेशन सुमन खुद ही जनता की मदद के लिए मातहतों के साथ जुटे देखे गए। इंस्पेक्टर सुमन की टीमों ने इलाके में जरूरतमंदों को खाने-पीने की हर चीज मुहैया कराई।