लोजपा के बागी गुट ने पशुपति को चुना राष्ट्रीय अध्यक्ष, चिराग लड़ाई को तैयार
बिहार में राजनीतिक हलचल लगातार जारी है;
नई दिल्ली। बिहार में राजनीतिक हलचल लगातार जारी है। जहां एक ओर जनता दल यूनाइटेड और आरजेडी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है तो वहीं दूसरी और लोक जनशक्ति पार्टी का आपसी मतभेद सबके बीच चर्चा का विषय। रामविलास पासवान के नेतृत्व में लोक जनशक्ति पार्टी एकजुट होकर बिहार की राजनीति में अपनी सक्रिय भूमिका निभाती रही लेकिन उनके निधन के बाद पार्टी बिखर सी गई। उनके बेटे चिराग पासवान की नाक के नीचे ही पार्टी में कलह और आपसी मतेद लगातर जारी था और अब हालत ये है कि चिराग पासवान अपनी पार्टी को भी नहीं बचा पा रहे हैं। जी हां आज गुरुवार को लोक जनशक्ति पार्टी के बागी गुट ने पशुपति कुमार पारस को अपना नया राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिए जाने का एलान कर दिया है। पार्टी के पटना स्थित बिहार प्रदेश कार्यालय में इसका औपचारिक तौर पर ऐलान किया गया।
गुरुवार को पटना में पशुपति पारस के नेतृत्व में हुई पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में ये फैसला लिया गया। इस बैठक में पारस गुट के चार सांसद महबूब अली कैसर, वीणा देवी, चंदन सिंह और प्रिंस राज भी शामिल रहे। इसी के साथ लोजपा में राम विलास पासवान की विरासत की जंग अब रोचक दौर में पहुंच गई है।
चिराग पासवान के खिलाफ चाचा पशुपति कुमार पारस ने मोर्चा खोल दिया है। बताया जाता है कि 71 सदस्यों ने कार्यसमिति की बैठक में उन्हें अपना अध्यक्ष चुन लिया है। जहां एक ओर पशुपति कुमार पारस अध्यक्ष बन गए है तो वहीं चिराग ने साफ कहा है कि पार्टी के संविधान के अनुसार उनको पार्टी के अध्यक्ष पद से नहीं हटाया जा सकता। जी हां चिराग पासवान ने भी लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने का दावा करते हुए अपने विश्वसनीय राजू तिवारी को बिहार प्रदेश लोजपा का नया अध्यक्ष घोषित कर दिया है।
अब मौजूदा हालत ये है कि पशुपति पारस गुट और चिराग पासवान दोनों ने लोजपा के ऊपर दावेदारी कर दी है। अब इस कदर आपसी लड़ाई का आखिरी अंजाम तो माना जा रहा है कि चुनाव आयोग या फिर कोर्ट में ही फाइनल माना जा रहा है।