प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्रियों की सूची होगी तैयार
हरनंदी को नया जीवन देने के लिए प्रशासन सख्त कदम उठाने जा रहा है;
गाजियाबाद। हरनंदी को नया जीवन देने के लिए प्रशासन सख्त कदम उठाने जा रहा है। नदी में गिरने वाले फैक्ट्रियों के गंदे उत्प्रवाह को रोकने के लिए फैक्ट्रियों की सूची प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से तलब की है। नदी में गैर-शोधित उत्प्रवाह छोड़ने वाली फैक्ट्रियों को तत्काल बंद कराने के लिए प्रशासन रणनीति बना रहा है।
देश की शीर्ष अदालत के निर्णय के बाद सरकार व उनका तंत्र हरकत में आ गया है। अब प्रशासन एक्शन के मूड में आ गई है। गत दिनों जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में हरनंदी को बचाने के लिए चर्चा हुई। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों से ऐसी फैक्ट्रियों की सूची तैयार करने के लिए कहा गया जिनका उत्प्रवाह नदी में जा रहा है। सूत्रों की माने तो हरनंदी किनारे करीब साढ़े तीन सौ फैक्ट्रियां ऐसी है जिनका उत्प्रवाह नदी में जा रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सभी फैक्ट्रियों को ईटीपी लगाने का आदेश जारी कर चुका है। कुछ फैक्ट्रियों को छोड़कर अधिकांश फैक्ट्रियां अभी भी गंभीर नहीं हैं। शहरों से निकलने वाला गंदा पानी भी नदी में सीधे गिर रहा है। इस पर नगर निगम को प्रशासन की ओर से सख्त निर्देश दिए गए है कि वह शहर के गंदे नालों को साफ करने का संयत्र लगाए और साफ पानी को ही नदी में छोड़े।
फैक्ट्रियों की बन रही सूची
एडीएम प्रशासन ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा कि हरनंदी को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। नदी किनारे स्थित फैक्ट्रियों की सूची तैयार कराई जा रही है। फैक्ट्रियों में ईटीपी अनिवार्य कर दिया गया है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वह यह सुनिश्चित करें कि फैक्ट्रियों में ईटीपी ठीक से काम कर रहा है कि नहीं। जो फैक्ट्रियां मानक नहीं पूरा कर रही है और नोटिस के बाद भी बिना ईटीपी के अनट्रीटेड गंदा पानी नदी में छोड़ रही है । तो उन्हें तत्काल बंद कराने के आदेश दिए गए हैं। इसके अलावा नदी के किनारे पौधरोपण कराया जा रहा है।