कश्मीर में 29 दिन बाद भी जन जीवन सामान्य नहीं

जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 और 35ए हटाए जाने के लगभग एक महीने बाद भी यहां जन जीवन सामान्य नहीं हो पाया;

Update: 2019-09-02 19:57 GMT

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 और 35ए हटाए जाने के लगभग एक महीने बाद भी यहां जन जीवन सामान्य नहीं हो पाया है

आधिकारिक ने बताया कि नागरिकों की आवाजाही और यातायात पर कोई प्रतिबंध नहीं है और कानून -व्यवस्था को बनाए रखने के लिए प्रशासन ने कई क्षेत्रों में चार से अधिक लोगों के एकत्र होने से रोकने के लिए धारा 144 लगा रखी है।

उन्होंने बताया कि पथरबाजी की छिटपुट घटनाओं के अलावा घाटी के अधिकांश इलाकों में शान्ति है। राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में पांच अगस्त के बाद से ही हालात सामान्य नहीं हो सके है।

श्रीनगर का मशहूर रविवार बाजार लगातार चौथे सप्ताह भी बंद रहा तथा सभी दुकानें एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। किसी भी संगठन की तरफ से हालांकि बंद का आह्वान नहीं किया गया लेकिन सड़कों पर आवाजाही काफी कम रही। सिविल लाइंस तथा घाटी के नए इलाके और बाहरी इलाकों में हांलाकि कुछ विक्रेताओं ने सुबह छह बजे से नौ बजे के बीच फल एवं सब्जियों को बेचा। 

घाटी में करीब सभी बाज़ार सूने रहे तथा बाजार सुरक्षा बलों की छावनी के तौर पर ज्यादा दिखाई दे रहे है। सुरक्षा बल घाटी में हर गतिविधि पर बारीकी से नज़र बनाये हुए है और पिछले हफ्ते हुई पथरबाजी में वाहनों के नुकसान के बाद सड़कों पर यातायात प्रभावित हुआ है। किसी भी तरह के प्रदर्शन को रोकने के लिए सुरक्षा बलों को सिविल लाइंस समेत एतिहासिक लाल चौक इलाके में तैनात किया गया है। 

इसके अलावा बड़ी संख्या में शहर ए ख़ास इलाके में सुरक्षा बलों की तैनाती की गयी है। इस क्षेत्र में रविवार को प्रतिबंध लागू कर सड़कों को कंटीली तारों से भी बंद किया गया लेकिन इन्हें अब हटा दिया गया है। 

अलगावादी नेता मीरवाइज़ मौलवी के मजबूत गढ़ जाने वाले इलाके ऐतिहासिक जामिया मस्जिद के सभी दरवाजे बंद रखे गए है। सुरक्षा बल समय-समय पर जामिया बाजार और जामिया मस्जिद के पास वाले इलाकों में किसी भी तरह के प्रदर्शन को रोकने के लिए गश्त लगा रहे है। 

शहर ए खास की मुख्य सड़कों और मुख्य इलाकों में सभी सरकारी कार्यालय तथा बैंक बंद रहे। राज्य के कई जिलों और तहसील मुख्यालय समेत अनंतनाग, कुलगाम, पुलवामा, शोपियां और कुपवाड़ा, बांदीपोरा, पाटन, सोपोर, हंदवारा तथा अजस क्षेत्रों में व्यावसायिक गतिविधियां ठप हैं। 

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