उपराज्यपाल बनाम दिल्ली सरकार : केजरीवाल की 'आप’ से वसूला जाएगा सरकारी धन

सरकार ने विशेष प्रचार अभियान में 33.80 करोड़ रूपए व्यय किए, जिसमें 85 प्रतिशत से अधिक का व्यय दिल्ली से बाहर किया गया।सरकारी खजाने से आप की छवि चमकाने में आए खर्च की वसूली के निर्देश दिए गए हैं;

Update: 2017-03-29 21:09 GMT

नई दिल्ली, 29 मार्च (देशबन्धु)। केंद्र सरकार द्वारा मनोनीत दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल की नियुक्ति के बाद अरविंद केजरीवाल व दिल्ली सरकार के साथ पहली बार तलवारें खिचनें के आसार दिखाई दे रहे हैं।

दरअसल, सरकारी खजाने से आम आदमी पार्टी की छवि चमकाने में आए खर्च की अब वसूली के निर्देश दिए गए हैं।

सूत्रों की मानें तो दिल्ली सरकार से करीब 97 करोड़ रूपए के विज्ञापनों पर उपराज्यपाल अनिल बैजल ने वसूली के लिए मुख्य सचिव व विधि सचिव को निर्देश दिए हैं।

      दिल्ली सरकार के विज्ञापनों की निगरानी करने वाली समिति ने इस बाबत दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को रिपोर्ट भेजते हुए निर्देश दिए हैं कि मुख्य सचिव कुछ विशेष विज्ञापनों पर आए खर्च का विश्लेषण करें और उसे संबंधित पार्टी से वसूलें।

दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने बताया कि भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक की रिपोर्ट में वर्ष 2016 के कई पैरा में दिल्ली सरकार को केंद्र में न रखकर महज केजरीवाल सरकार, आम आदमी पार्टी सरकार अथवा आप को मुख्य बिंदु में रखा गया।

लेखा परीक्षक को करीब 20 एजेंसियों के खर्च के बारे में जानकारी नहीं दी गई थी, जिसके कारण सही से आकलन भी नहीं हो सका था।

लेखा परीक्षक ने अपनी रिपोर्ट में सरकार को झाड़ लगाते हुए कहा था कि दिल्ली सरकार के कई विज्ञापनों में दावों के बारे में कोई प्रमाण नहीं था, तो वहीं विज्ञापन व प्रचार अभियान में 24.29 करोड़ रूपए के व्यय में सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों का भी उल्लंघन किया गया था। कई विज्ञापनों में मुख्यमंत्री के साथ मंत्रियों की की फोटो लगाई गई थी, जबकि सिर्फ मुख्यमंत्री की ही फोटो विज्ञापन में लगाई जा सकती है।

      सरकार ने विशेष प्रचार अभियान में 33.80 करोड़ रूपए व्यय किए, जिसमें 85 प्रतिशत से अधिक का व्यय दिल्ली से बाहर किया गया।

दिल्ली सरकार के विज्ञापनों की निगरानी करने वाली समिति ने विधि सचिव को निर्देश देते हुए कहा कि संबंधित राजनीतिक दल को नोटिस भेजकर सरकार द्वारा भुगतान किए गए धन की वसूली करें, तो वहीं जिन विज्ञापनों के भुगतान अभी तक नहीं किए गए हैं, संबंधित राजनीतिक दल सीधे एजेंसी को उनका भुगतान करे।

समिति ने सख्त लहजे में कहा है कि नोटिस पूरी तरह स्पष्ट भाषा में हो, तो वहीं उसमें सरकार के पैसों का भुगतान करने के लिए 30 दिन की समय-सीमा तय की जाए।

मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि जो साफ सुथरी राजनीति का दावा कर सत्ता में आया था आज वह सरकारी खजाने के दुरूपयोग का दोषी पाया गया है। केजरीवाल के स्थान पर यदि कोई और होता तो नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देता।

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