कानून में शिक्षण और अनुभवात्मक शिक्षा पर आयोजित सम्मेलन में विधि विशेषज्ञ हुए शामिल
आईआईएलएम विश्वविद्यालय ग्रेटर नोएडा परिसर में शिक्षण और अनुभवात्मक शिक्षा पर सम्मेलन का आयोजन किया गया;
ग्रेटर नोएडा। आईआईएलएम विश्वविद्यालय ग्रेटर नोएडा परिसर में शिक्षण और अनुभवात्मक शिक्षा पर सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के उद्देश्यों के अनुरूप आयोजित किया गया था, जिसमें कानून में वर्तमान शिक्षण विधियों का विकास और मूल्यांकन, कानून शिक्षण के लिए नए दृष्टिकोणों को अपनाने की आवश्यकता।
पाठ्यचर्या विकास के नए पैटर्न विकसित करने की तात्कालिकता और पाठ्यक्रम और अनुभवात्मक शिक्षा के तरीके। सम्मेलन के उद्देश्यों का विवरण देते हुए प्रोफेसर एम अफजल वानी, प्रति उपकुलपति और संकाय अध्यक्ष, स्कूल ऑफ लॉ ने कहा कि कानून में शिक्षण और अनुभवात्मक शिक्षा पर वकीलों का सम्मेलन असमानता को कम करने और दुनिया भर में प्लेसमेंट के लिए भारतीय छात्रों की क्षमता को बढ़ाने हेतु वैश्विक प्रतिस्पर्धा के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने के एनईपी के दृष्टिकोण में योगदान देने का एक ठोस प्रयास है।
इस सम्मेलन ने कानूनी पेशेवरों को गुणवत्तापूर्ण कानूनी शिक्षा की दिशा में योगदान करने और उभरती प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके समग्र रूप से बेहतर न्याय प्रणाली विकसित करने का एक अनूठा अवसर प्रदान किया है।
दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर के गौबा और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जकी उल्लाह खान के उद्घाटन भाषणों के साथ हुई, जिन्होंने नई जरूरतों के अनुसार प्रणालियों में सुधार की तात्कालिकता के बारे में बताया।
सम्मेलन में चालीस वकीलों ने संवैधानिक कानून, व्यापार कानून, उपभोक्ता संरक्षण, कर कानून, आपराधिक कानून, आईपीआर, मध्यस्थता और साइबर कानून आदि विषयों पर अपनी राय व्यक्त की। आदिश सी अगरवाला और कृष्ण महाजन जैसे प्रख्यात अधिवक्ता भी अधिवक्ताओं के चुनिंदा पैनल में शामिल थे।