देश की पहली स्लीपर वंदे भारत, 8 घंटे में पटना से दिल्ली; कितना होगा किराया

देश की पहली स्लीपर वंदे भारत ट्रेन बिहार को मिलने जा रही है। यह ट्रेन पटना से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के बीच चलेगी। जानें- इस ट्रेन के बारे में सबकुछ।;

Update: 2025-12-10 03:58 GMT

नई दिल्ली। पटना से दिल्ली आने वाले लोगों के लिए भारतीय रेलवे खुशखबरी सामने लेकर आया है। दरअसल, पटना-दिल्ली रेल रूट पर यात्रा करने वालों के लिए बड़ा बदलाव होने जा रहा है। रेलवे ने बताया है कि देश की पहली वंदे भारत 'स्लीपर ट्रेन' (First Sleeper Vande Bharat) की शुरुआत बिहार की राजधानी पटना से करने जा रहा है। अब यात्रियों को तेज रफ्तार, आराम और हाई-टेक इंजीनियरिंग सब एक साथ इस ट्रेन में मिलेगी। रेलवे इस यात्रा को तेज और आरामदायक बना रहा है।

पटना-दिल्ली हाई–टेक ट्रेन की खासियत इसकी तेज स्पीड है। इस वंदे भारत की टॉप स्पीड 160 km/h की होगी। ट्रेन की बॉडी, इसके सस्पेंशन और ब्रेकिंग सिस्टम को खास तौर पर तैयार किया है। यह टेक्नोलॉजी इतनी एडवांस है कि ट्रेन में यात्रियों को बहुत कम झटकों को एहसास होगा। किसी भी इमरजेंसी की स्थिती में ट्रेन का ड्राइवर इसे बहुद कम दूरी में रोक सकता है, जिसके बाद यह दोबारा से रफ्तार पकड़ लेती है।

वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में होंगे 16 कोच

वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में 16 कोच होंगे। इनमें AC3 के 11, AC2 के 4 और AC1 का 1 कोच होगा। कुल 827 सीट होंगी, जिनमें से AC3 की 611, AC2 की 188 और AC1 की 24 सीट होंगी। मांग बढ़ने पर बोगियों की संख्या बढ़ाई जा सकती है। किराया राजधानी एक्सप्रेस के आसपास रखे जाने की उम्मीद है।

वंदे भारत एक्सप्रेस स्लीपर के दो रैक का निर्माण कार्य बेंगलुरु के BEML (Bharat Earth Movers Limited) फैक्ट्री में पूरा होने को है। 12 दिसंबर को पहला रैक भेजा जाएगा। इसके बाद दिल्ली-पटना रूट पर इस ट्रेन का ट्रायल रन कराया जाएगा। नए साल से पहले इसे चलाने की तैयारी है।

किस समय चलेगी वंदे भारत स्लीपर ट्रेन?

वंदे भारत स्लीपर ट्रेन सप्ताह में 6 दिन चलने वाली है। पटना से दिल्ली के लिए शाम को खुलेगी और सुबह पहुंचेगी। इसी तरह दिल्ली से पटना के लिए शाम को चलेगी और सुबह पहुंचेगी। वंदे भारत स्लीपर को आराम, स्पीड और प्रीमियम यात्रा अनुभव देने के लिए डिजाइन किया गया है। यह ट्रेन 160 km/h की रफ्तार से दौड़ेगी। अधिकतम रफ्तार 180 km/h है।

इस ट्रेन की बड़ी खासियत तेजी से रफ्तार पकड़ना और जल्द रुकना है। इसे किसी स्टेशन पर रुकने और फिर से तेज रफ्तार पकड़ने में कम समय लगता है।

देश में चल रहीं 164 वंदे भारत ट्रेनें

वर्तमान में देशभर में चेयर कार वाली 164 वंदे भारत ट्रेनें चल रहीं हैं। इन्हें चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में बनाया गया है। ये सेमी-हाई-स्पीड ट्रेनें लोगों को पसंद आईं हैं। लंबी दूरी की यात्रा के लिए स्लीपर वंदे भारत ट्रेनों की मांग की जा रही थी। पटना-दिल्ली रूट पर इसकी शुरुआत होने वाली है।

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 3 दिसंबर को लोकसभा में वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों के बारे में कहा था, 'लंबी और मीडियम दूरी की रात भर की यात्रा के लिए, वंदे भारत ट्रेन का स्लीपर वैरिएंट देश में ही डिजाइन किया गया है। ऐसे दो रेक बनाए गए हैं। ये ट्रायल/कमीशनिंग में हैं।'

वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में मिलेगी क्या सुविधाएं?

वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का इंटीरियर यात्रियों को सुविधा और लग्जरी का एहसास दिलाने के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें फ्लाइट या प्रीमियम होटल के कमरे जैसी सुविधाएं मिलेंगी। जो हैं..

USB-इंटीग्रेटेड रीडिंग लैंप: इससे आप रात में किताब या पत्रिका पढ़ सकते हैं। लैंप से निकलने वाली रोशनी पढ़ने के लिए पर्याप्त होगी। दूसरे यात्रियों को परेशानी नहीं होगी।

रियल-टाइम पैसेंजर इन्फॉर्मेशन सिस्टम: ऑडियो और वीडियो से आपको ट्रेन के अंदर ही ट्रेन कहां है, अगला स्टेशन कौन सा है और दूसरी जरूरी जानकारियां मिलेंगी।

Wi-Fi और इंफोटेनमेंट यूनिट: आप ट्रेन के अंदर तेज स्पीड इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकेंगे। यात्रियों के मनोरंजन की भी सुविधा है।

ताजे ऑनबोर्ड खाने के लिए मॉड्यूलर पैंट्री यूनिट: ट्रेन में ताजा बना हुआ खाना मिलेगा।

टच-फ्री बायो-वैक्यूम टॉयलेट: टॉयलेट इस्तेमाल करने में परेशानी नहीं होगी।

फर्स्ट AC कोच में गर्म पानी के शावर: सर्दी के मौसम में स्नान करना या हाथ-मुंह धोना आरामदायक होगा।

ऊपरी बर्थ के लिए एर्गोनोमिक सीढ़ियां: इससे यात्रियों के लिए अपनी सीट तक पहुंचना आसान होगा।

PRM-फ्रेंडली टॉयलेट और बर्थ: दिव्यांगजनों और बुजुर्गों को सुविधा मिलेगी। वे आसानी से यात्रा कर पाएंगे।

वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में सुरक्षा के इंतजाम

इंडियन रेलवे ने वंदे भारत स्लीपर में यात्रियों की सुरक्षा का खास ध्यान रखा है। इसके लिए एडवांस सेफ्टी सिस्टम दिए गए हैं। जैसे..

KAVACH: यह एंटी-कोलिजन टेक्नोलॉजी है। इससे दो ट्रेनों के बीच होने वाली टक्कर रोकने में मदद मिलती है। कवच सिस्टम हादसे की संभावना होने पर खुद ट्रेन रोक देता है।

इंटीग्रेटेड इमरजेंसी टॉक-बैक यूनिट्स: इससे आप ट्रेन क्रू से बात कर सकते हैं। कोई आपात स्थिति है तो मदद मिलेगी।

पूरी तरह से सील गैंगवे: ट्रेन के दो डिब्बों को जोड़ने वाला गैंगवे पूरी तरह सील है। इससे बाहर से धूल नहीं आती। यात्रियों की सुरक्षा भी रहती है।

ऑटोमैटिक प्लग डोर: ट्रेन के डिब्बे खुद खुलते-बंद होते हैं। ट्रेन चलने से 10 सेकेंड पहले ये बंद हो जाते हैं। इससे चोरी और छीना-झपटी की घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी।

CCTV सर्विलांस: हर कोच की CCTV कैमरे से निगरानी होगी। इससे बिना टिकट यात्रा करने। दूसरे की सीट पर बैठने और चोरी जैसी समस्याओं से निपटने में मदद मिलेगी।

कितना महंगा होगा टिकट?

स्लीपर वंदे भारत में 827 यात्रियों की क्षमता है। इसमें सबसे ज्यादा 11 कोच AC3 के जोड़े गए हैं, ताकि मीडिल क्लास कम पैसों में बेहतर और तेज सफर कर सके। वहीं, चार कोच AC2 के हैं, जिसमें 188 यात्री यात्रा कर सकते हैं। हालांकि, मांग बढ़ने पर रेलवे कोच की संख्या और बढ़ा सकता है। रेलवे सूत्रों के मुताबिक, स्लीपर वंदे भारत का किराया राजधानी एक्सप्रेस के आसपास रहने की उम्मीद है।

रेलवे के मुताबिक, स्लीपर वंदे भारत के सभी कोच बेंगलुरु के BEML कारखाने में तैयार हो रहे हैं। 12 दिसंबर को इन बोगियों को दिल्ली–पटना रूट पर ट्रायल रन शुरू करने के लिए भेजा जाएगा। हालांकि, यह ट्रेन कब से चलेगी, फिलहाल इसकी अभी जानकारी सामने नहीं आई है।

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