हिन्दू विवाह विच्छेद पर भी बने कानून

भारतीय जनता पार्टी के सी पी ठाकुर ने आज राज्यसभा में कहा कि विवाह विच्छेद में हिन्दू महिलाओं के अधिकारों का संरक्षण किया जाना चाहिए;

Update: 2019-07-31 13:55 GMT

नई दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी के सी पी ठाकुर ने आज राज्यसभा में कहा कि विवाह विच्छेद में हिन्दू महिलाओं के अधिकारों का संरक्षण किया जाना चाहिए और विवाह विच्छेद की प्रक्रिया को सरल किया जाना चाहिए।

 ठाकुर ने सदन में शून्यकाल के दौरान यह मामला उठाते हुए कहा कि हिन्दू महिलाओं के विवाह विच्छेद की प्रक्रिया 20 साल तक चल जाती है। इतने लंबे समय में पुनर्विवाह की स्थिति खत्म हो जाती है और जीवन का तबाह हो जाता है। उन्हाेंने कहा कि सरकार को इस संबंध में कानून लाना चाहिए।
कांग्रेस की विप्लव ठाकुर ने कहा कि सरकार को सेना के विक्लांग जवानों की पेंशन और आय पर अायकर नहीं लेना चाहिए। उन्होेंने कहा कि नीति के अनुसार विक्लांग हो चुके जवानों का रैंक मिलना बंद हाे जाता है। इससे उनकी आमदनी के रास्ते सीमित हो जाते हैं। सरकार को उनकी पेंशन पर आयकर नहीं वसूलने पर विचार करना चाहिए।

कांग्रेस के शमशेर सिंह ढिल्लों ने कहा कि सरकार ने अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्रों के लिए दी जानी वाली छात्रवृत्ति का तरीका बदलना नहीं चाहिए। उन्हाेंने कहा कि इस छात्रवृत्ति में 90 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार और 10 प्रतिशत हिस्सा राज्य सरकार देती है। नयी व्यवस्था के अनुसार 60 प्रतिशत हिस्सा केंद्र और 40 प्रतिशत हिस्सा राज्य सरकार को देना होगा। उन्होेंने कहा कि इन वर्गों के बच्चों की पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति जरूरी है। राज्य सरकार अपना हिस्सा नहीं देती है। इसलिए केंद्र सरकार को अपना हिस्सा नहीं घटाना चाहिए।


भारतीय जनता पार्टी के सत्यनारायण जटिया ने कहा कि समाज में सामाजिक और आर्थिक न्याय के लिए शिक्षा का प्रसार जरुरी है। सरकार को समाज के सभी वर्गों के लिए समान शिक्षा की व्यवस्था करनी चाहिए। इसके छात्रावास खोले जाने चाहिए।
राष्ट्रीय जनता दल के अहमद अशफाक करीम ने कहा कि केंद्रीय विद्यालयों में प्रवेश की सिफारिश करने के लिए राज्यसभा के सांसदों का कोटा बढ़ाया जाना चाहिए। उन्हाेंने कहा कि राज्यसभा का सांसद पूरे राज्य का प्रतिनिधित्व करता है इसलिए उसका कोटा 10 सीटों से बढ़ाकर ज्यादा किया जाना चाहिए। 

भारतीय जनता पार्टी के समीर ओरांव ने कहा कि समाज के समग्र विकास करने के लिए सभी वर्गों का सामाजिक आर्थिक विकास जरुरी है। इसके लिए शिक्षा का व्यापक स्तर पर प्रसार प्रचार किया जाना चाहिए। उन्होेंने कहा कि जनजाति बहुल झारखंड में आदिवासी समाज के लिए विश्वविद्यालय बनाया जाना चाहिए। 

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