मोदी के शासन में कानून-व्यवस्था ध्वस्त : माकपा

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने रविवार को आरोप लगाया कि मोदी सरकार के दौरान कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई है;

Update: 2018-06-24 20:55 GMT

नई दिल्ली। मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने रविवार को आरोप लगाया कि मोदी सरकार के दौरान कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई है। माकपा ने कहा कि कानून तोड़ने वालों को सजा नहीं होने से लोगों के संवैधानिक अधिकारों का हनन हो रहा है। 

मोदी सरकार के चार साल के शासन का जिक्र करते हुए माकपा ने एक बयान में कहा है कि इस दौरान लोगों की आजीविका पर अभूतपूर्व हमले हुए।

माकपा ने कहा कि मुसलमानों और दलितों पर कातिलाना हमले कर सांप्रदायिक ध्रुव्रीकरण को बढ़ावा दिया गया, जिससे संसदीय लोकतंत्र की संस्थाएं और स्वतंत्र संवैधानिक प्राधिकरण कमजोर हुए।

वाम दल ने कहा है कि नोटबंदी और जीएसटी के परिणामस्वरूप कमजोर आर्थिक गतिविधियों के बावजूद पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में बेशुमार इजाफा होने से मंहगाई उत्तरोत्तर बढ़ी है। 

माकपा ने कहा, "कृषि क्षेत्र का संकट लगातार बढ़ता जा रहा है और किसानों की खुदकुशी के मामलों में कोई कमी नहीं आ रही है।"

माकपा ने कहा, "देशभर में, खासतौर से भाजपा शासित प्रदेशों में नफरत का माहौल चिंता का विषय है, जिससे हिंसा के मामले बढ़ रहे हैं।"

वाम दल ने कहा है, "गोरक्षा और मॉरल पुलिसिंग के नाम पर निजी संगठन हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं और मॉब लिंचिंग और नाबालिगों के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के दिल दहलाने वाली घटनाएं बढ़ रही हैं।"

माकपा ने कहा है, "हाल ही में झारखंड में पांच महिलाओं के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना काफी वीभत्स है। भाजपा सरकार ने मामला दर्ज करने और दोषियों को सजा दिलाने से मना कर दिया।"

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