रेत के लिए पुल का पिलर तक खोद डाला
कोरबा ! अपनी रेत की जरूरत को पूरा करने के लिए अवैधानिक तरीके से हसदेव नदी को ही खोद डाला।;
विरोध के बाद भागे रेत खोदने वाले,हसदेव नदी पुल पर खतरा
कोरबा ! अपनी रेत की जरूरत को पूरा करने के लिए अवैधानिक तरीके से हसदेव नदी को ही खोद डाला। कोरबा को कुसमुंडा से जोडऩे वाले पुल के पाया के करीब बड़े पैमाने पर रेत खनन से पुल को खतरा हो सकता है। स्थानीय लोगों के विरोध पर उत्खननकर्ता उल्टे पांव लौट तो गये लेकिन रेत को वापस नदी में डालने का वादा समाचार लिखे जाने तक पूरा नहीं किया।
जानकारी के अनुसार कोरबा निगम के वार्ड क्रमांक 1 व 4 के मध्य से होकर बहने वाली हसदेव नदी पर दो रेलवे पुल के अलावा सामान्य आवागमन के लिए तीसरा पुल बनाया गया है। कोरबा को पश्चिमांचल से जोडऩे वाले इस पुल से होकर छोटे-बड़े और भारी वाहन सैंकड़ों की संख्या में गुजरते हैं। इस पुल पर खतरे की आशंका से वार्ड 4 व 1 में हसदेव नदी के किनारे रहने वाले तब भयभीत हो गये जब सोमवार की शाम करीब 4 बजे से पुल के नीचे और दो नंबर पाया के पास बहती नदी से जेसीबी के जरिये बड़े पैमाने पर रेत खनन का कार्य होते देखा गया। राजेन्द्र इन्फ्रास्ट्रक्चर कोरबा की जेसीबी, पोकलेन एवं हाइवा क्रमांक सीजी 12 एस-3052, सीजी 12 एस-3053, सीजी 12-एस-4392 को इस कार्य के लिए लगाया गया था। जेसीबी से रेत निकालकर बगल में ही डंप किया जाता रहा और रेत का पहाड़ खड़ा हो गया। शाम के बाद भी यह काम चलता रहा तब स्थानीय लोगों ने सूचना पार्षद मनीष शर्मा व रवि महाराज को दी। इसके कहने पर जागरूक युवकों ने उत्खननकर्ताओं से अनुमति के बारे में पूछा तो अनभिज्ञ रहे। थोड़ी ही देर में पार्षद द्वय के साथ एल्डरमेन रमेश पोद़्दार, पूर्व पार्षद श्रीमती ज्योति पांडेय व अन्य मौके पर पहुंचे। रेत उत्खनन की कोई अनुमति नहीं होने की जानकारी पर जनप्रतिनिधियों ने उत्खनन कार्य में लगे लोगों को खरी-खोटी सुनाई। जिला खनिज अधिकारी डा. डीके मिश्रा को फोन पर जानकारी दी जिसके कुछ घंटे बाद अमला मौके पर पहुंचा, तब तक उत्खननकर्मी वाहन सहित जा चुके थे। यदि समय रहते स्थानीय लोग जागरूक नहीं होते तो नदी से 10-15 हाइवा रेत पार हो जाता।
कार्रवाई पर संशय
इस मामले में जिस तरह से सूचना मिलने के बाद खनिज अमला मौके पर पहुंचा और तब तक यहां से उत्खनन कर्मी जेसीबी व हाइवा के साथ जा चुके थे। शाम के वक्त किसी तरह की कार्यवाही नहीं की गई। पुलिस के कुछ कर्मी भी यहां पहुंचे थे जिसके सामने अवैध उत्खननकर्ता वाहन सहित निकल गये। जिला खनिज अधिकारी श्री मिश्रा ने इस विषय में कहा है कि खनिज अमले को मौके पर चूंकि रेत उत्खनन और परिवहन करते कोई नहीं मिला, इसलिए फिलहाल क्या मामला बन सकता है इस पर विचार किया जाएगा। उन्होंने पुल को क्षति की बात पर कहा कि संबंधित विभाग को पत्र लिखा जाएगा जिस पर संबंधित अधिकारी उक्त रेत खनन करने वालों पर कार्यवाही करा सकते हैं। आज दोपहर में भी खनिज विभाग के कुछ कर्मी मौके पर पहुंचे थे और स्थानीय लोगों से बातचीत करने के बाद मीडिया से बिना चर्चा किये निकल गये। वहीं वार्ड क्रमांक 1 के पार्षद रवि महराज जिनके क्षेत्र में उक्त स्थल पड़ता है, वे बुलाने पर भी नहीं आये। इन सब कारणों से कार्यवाही पर संशय बना हुआ है।