नोटबंदी ने मप्र में ली थी 6 जानें : कांग्रेस
केंद्र सरकार जहां नोटबंदी को देशहित में बता रही है, वहीं कांग्रेस का आरोप है कि नोटबंदी ने मध्य प्रदेश में छह नागरिकों की जान ले ली और 28 फीसदी कर्मचारियों व मजदूरों को बेरोजगार किया;
भोपाल। केंद्र सरकार जहां नोटबंदी को देशहित में बता रही है, वहीं कांग्रेस का आरोप है कि नोटबंदी ने मध्य प्रदेश में छह नागरिकों की जान ले ली और 28 फीसदी कर्मचारियों व मजदूरों को बेरोजगार किया। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने एक बयान जारी कर मंगलवार को कहा कि नोटबंदी के बाद प्रदेश के छह नागरिकों की मौत हो गई, 275 करोड़ रुपये प्रदेश को कम राजस्व मिला, 15 हजार पावरलूम और 28 फीसदी कर्मचारी और मजदूरों को बेरोजगार होने की नौबत आई।
उन्होंने कहा कि नोटबंदी भारत के इतिहास का एक शर्मनाक अध्याय है, जिसने इस देश के नागरिकों को अपना ही पैसा पाने के लिए तरसाया, मोहताज बनाया और देश की अर्थव्यवस्था को छिन्न-भिन्न कर दिया।
कांग्रेस नेता सिंह ने कहा कि नोटबंदी के बाद पैसे की किल्लत के कारण इलाज के अभाव में और नोट बदलवाने के लिए लंबी कतारों में खड़े-खड़े प्रदेश के छह नागरिकों की मौत हुई। क्या मुख्यमंत्री नोटबंदी की सालगिरह के दिन इन नागरिकों का स्मरण कर इसका श्रेय नोटबंदी को देंगे?
उन्होंने कहा कि इसी तरह नोटबंदी के हुए एक सर्वेक्षण में यह सच सामने आया कि प्रदेश में नोटबंदी के बाद 28 फीसदी कर्मचारी और मजदूर बेरोजगार हो गए। भोपाल की एक लीला एंड संस कंपनी तो बंद ही हो गई। 25 फीसदी से अधिक कर्मचारियों को घर बैठना पड़ा।
अजय सिंह ने कहा कि नोटबंदी का सबसे अधिक असर मजदूर वर्ग पर पड़ा। प्रदेश के 15 हजार पावरलूम बंद हुए, जिससे 30 हजार से अधिक लोग बेरोजगार हुए।
उन्होंने आगे कहा कि नोटबंदी के चलते ही प्रदेश को 275 करोड़ रुपये का कम राजस्व प्राप्त हुआ, जिससे विकास और जन कल्याण की योजनाओं पर विपरीत प्रभाव पड़ा। नोटबंदी ने मध्य प्रदेश सहित पूरे देश की आर्थिक व्यवस्था को तहस-नहस कर दिया, लेकिन यह संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है कि सत्ताधारी लोग जश्न मनाने पर तुले हैं।