केरल के स्टार्टअप ने प्रभावी क्वारंटीन के लिए बनाया ट्रैकिंग एप

आवश्यकता आविष्कार की जननी है, यह पुरानी कहावत है। यह कहावत केरल के चार युवा उद्यमियों पर सटीक बैठती है।;

Update: 2020-05-09 16:19 GMT

कोच्चि | आवश्यकता आविष्कार की जननी है, यह पुरानी कहावत है। यह कहावत केरल के चार युवा उद्यमियों पर सटीक बैठती है। उन्होंने आईटी सॉल्यूशन को एक नए ट्रैकिंग एप के साथ जोड़ा है। इसका उपयोग अधिकारियों द्वारा उन लोगों को ट्रैक करने में किया जा सकता है, जो क्वारंटीन में हैं। कोच्चि के इन्फोपार्क में स्टार्ट-अप पिनमाइक्रो का ऑफिस है जिसका मुख्यालय जापान में है। इससे अब तक विभिन्न सरकारी प्राधिकरणों से उनके एप-असिस्टप्लस और मी ट्रैक के बारे में पूछताछ की जा चुकी है।

पिनमाइक्रो के ग्लोबल सीईओ टिबी कुरुविला ने कहा कि ये लोग क्वारंटीन के प्रभावी कार्यान्वयन में मदद करने के लिए संभावित समाधान के बारे में पूछताछ कर रहे थे।

कुरुविला ने कहा, "हमारा मौजूदा समाधान अस्पतालों और कारखानों जैसी सुविधाओं के अंदर या किसी कार्यक्रम के दौरान पैवेलियन के सामने मेहमानों द्वारा बिताए गए समय की निगरानी करना था, ताकि पता चल सके कि मेहमानों को कार्यक्रम में कितनी रुचि थी। मी ट्रैक बनाने के लिए हमने उनमें कुछ और फीचर जोड़े।"

पिनमाइक्रो के भारतीय सीईओ ए.वी. रवींद्रनाथ ने कहा कि मी ट्रैक स्मार्टफोन एप्लिकेशन और स्मार्ट-बैंड की सहायता से क्वारंटीन किए गए लोगों को ट्रैक करने और उनके पता लगाने में मदद करता है।

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