तेजस्वी सूर्या की मांग : बेंगलुरु मेट्रो किराया घटाया जाए, जनता पर बोझ नहीं
भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बेंगलुरु दक्षिण से सांसद तेजस्वी सूर्या ने मांग की कि बेंगलुरु में मेट्रो का किराया जल्द से जल्द कम किया जाए;
भाजपा सांसद बोले- मेट्रो महंगी, कार सस्ती; क्या यही है सार्वजनिक परिवहन का प्रोत्साहन?
- तेजस्वी सूर्या का सवाल- मेट्रो किराया आम आदमी की पहुंच में क्यों नहीं?
- बेंगलुरु मेट्रो पर तेजस्वी सूर्या का हमला- सरकार सिर्फ कार मालिकों की सेवा में
- मेट्रो किराए में कटौती की मांग, सांसद ने सरकार की योजनाओं पर उठाए सवाल
बेंगलुरु। भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बेंगलुरु दक्षिण से सांसद तेजस्वी सूर्या ने बुधवार को मांग की कि बेंगलुरु में मेट्रो का किराया जल्द से जल्द कम किया जाए।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में बेंगलुरु में 10 लाख लोग प्रतिदिन मेट्रो से यात्रा करते हैं, जबकि 45 लाख लोग बेंगलुरु महानगर परिवहन निगम (बीएमटीसी) की बसों का उपयोग करते हैं। यानी 55 लाख नागरिक पहले से ही सार्वजनिक परिवहन पर निर्भर हैं।
तेजस्वी सूर्या ने कहा कि सरकार को किराया कम करने चाहिए।
उन्होंने मेट्रो किराए में बढ़ोतरी की आलोचना करते हुए कहा कि शहर में कोनानाकुंटे से ओरियन मॉल तक चार लोगों के परिवार के लिए एक तरफा मेट्रो यात्रा का किराया 280 रुपए है, जबकि कार से यात्रा करने पर 160 रुपए लगते हैं। हालांकि, कार से यात्रा में 75 मिनट लगते हैं। क्या सार्वजनिक परिवहन पर बोझ डालने के बजाय उसे प्रोत्साहित नहीं किया जाना चाहिए?
उन्होंने पूछा, "उदाहरण के लिए, अगर कोई कपल लालबाग से ओरियन मॉल तक मेट्रो से यात्रा करता है तो उसका किराया 100 रुपये है और उसे 25 मिनट लगते हैं। बाइक से इसका किराया केवल 30 रुपए है। क्या मेट्रो का किराया ऐसा होना चाहिए कि ज्यादा लोग इसका इस्तेमाल करें, या उसे बहुत ज्यादा ही रखना चाहिए?"
हवाई अड्डे तक जाने वाली ब्लू लाइन का काम शुरू में 2024 में पूरा होना था। अब वे कह रहे हैं कि यह 2026 तक आंशिक रूप से और 2027 तक पूरी तरह से तैयार हो जाएगी। भगवान ही जाने कि यह वास्तव में कब होगा।
उन्होंने आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने सरजापुर-हेब्बल मेट्रो लाइन के समान ही सुरंग सड़क का प्रस्ताव रखा है। मेट्रो का काम 2031 तक पूरा करने की योजना है, लेकिन सुरंग परियोजना की डीपीआर भी अभी तक लंबित है। सरजापुर-हेब्बल मेट्रो प्रति घंटे 69,000 यात्रियों को ले जा सकती है, लेकिन इस सरकार को इसकी कोई परवाह नहीं है। वे केवल 1,800 कार मालिकों की सेवा करना चाहते हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि जब लोग पूछते हैं कि सांसद क्या कर रहे हैं, तो मैं आपको याद दिला दूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद पहले 100 दिनों के भीतर ही हमें जेपी नगर-केम्पापुरा ऑरेंज लाइन के लिए डीपीआर की मंजूरी मिल गई थी, लेकिन डेढ़ साल बाद भी कोई टेंडर नहीं निकाला गया है।