कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मोहन कुमार की फांसी की सजा उम्रकैद में तब्दील की

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने श्रृंखलाबद्ध हत्याओं के दोषी मोहन कुमार की अनीता हत्या मामले में फांसी की सजा को आज आजीवन कारावास में तब्दील कर दिया;

Update: 2017-10-12 16:29 GMT

बेंगलुरु।  कर्नाटक उच्च न्यायालय ने श्रृंखलाबद्ध हत्याओं के दोषी मोहन कुमार की अनीता हत्या मामले में फांसी की सजा को आज आजीवन कारावास में तब्दील कर दिया।

न्यायमूर्ति रवि मालिमठ और न्यायमूर्ति जॉन माइकल कुन्हा की खंडपीठ ने मोहन कुमार की अनीता के साथ बलात्कार और उसकी हत्या करने के मामले में फांसी की सजा को आजीवन कारावास में तब्दील करते हुए जेल अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे मोहन कुमार को उसकी मृत्यु होने तक रिहा न करें और उसे किसी तरह की छूट न दें।

मोहन कुमार ने वर्ष 2009 में अनीता से शादी का वादा करके उसे बंटवाल से हासन ले गया। उसने अनीता के साथ बलात्कार किया और उसे एक बस स्टैंड पर ले गया। वहां उसने अनीता को गर्भ निरोधक टेबलेट दिया जो सायनाइड युक्त थी। टेबलेट खाने के बाद अनीता की मौत हो गयी।

मोहन कुमार ने वर्ष 2003 से 2009 के बीच 20 महिलाओं के साथ बलात्कार करने के बाद उनकी सायनाइड युक्त टेबलेट देकर हत्या कर दी थी। उसे चार मामलों में आजीवन कारावास की सजा तथा तीन प्रकरणों में फांसी की सजा सुनायी गयी है। मोहन कुमार ने फांसी की सजा को आजीवन कारावास में तब्दील करने की उच्च न्यायालय से गुहार लगायी थी।

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