49 दिनों में इस्तीफा देने वाले आज "जनादेश" लेने के नुकसान गिना रहें हैं: कपिल मिश्रा

 दिल्ली हाई कोर्ट ने ‘लाभ का पद’ मामले में आम आदमी पार्टी के विधायकों को अयोग्य घोषित करने के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया;

Update: 2018-01-24 17:32 GMT

नई दिल्ली।  दिल्ली हाई कोर्ट ने ‘लाभ का पद’ मामले में आम आदमी पार्टी के विधायकों को अयोग्य घोषित करने के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। लेकिन चुनाव आयोग से कहा है कि 29 जनवरी तक संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में उपचुनाव कराने जैसा कोई कदम ना उठाए। 

‘लाभ का पद’ मामले में जिस तरह सभी राजनीतिक पार्टियां आप को घेर रहीं हैं उसमें आप के बागी नेता कपिल मिश्रा कैसे पिछे रह सकते है। एक बार फिर कपिल मिश्रा ने ट्वीट करके कहा कि अरविंद केजरीवाल के पैर कांप रहे हैं चुनावों की आहट से।  अगर दिल्ली में काम किया होता तो यूँ चुनावों से भागना ना पड़ता।

अरविंद केजरीवाल के पैर कांप रहे हैं चुनावों की आहट से।

अगर दिल्ली में काम किया होता तो यूँ चुनावों से भागना ना पड़ता।

49 दिनों में इस्तीफा देने वाले आज "जनादेश" लेने के नुकसान गिना रहें हैं। #AAPOfficeOfProfit https://t.co/an9oMxDhmO

— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) January 24, 2018


 

मिश्रा ने अरविंद केजरीवाल को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि 49 दिनों में इस्तीफा देने वाले आज "जनादेश" लेने के नुकसान गिना रहें हैं।

सुनने में आया है, घुँघरू सेठ के लोगों ने जिम्मेदारी ली है, @IndianExpress का ये Poll कल अख़बार में नहीं छपेगा।

क्या @IndianExpress पर दबाव डाला जाएगा कि ये Poll ना छापा जाए?

क्या ये छप पायेगा? https://t.co/ZBBojKk4r9

— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) January 24, 2018


 

उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल को जनता में जाने से डर लगता हैं 

Today in Court -

AAP - माय लार्ड ... प्लीज चुनाव मत कराना। जनता में जाने से डर लगता हैं।

HC - 29 जनवरी को सुनवाई, तब तक चुनाव ना घोषित किये जायें।

EC - अभी तीन चार दिनों में चुनाव घोषित करने की कोई योजना नहीं हैं।

AAP - Big victory of Kejriwal#AAPOfficeOfProfit

— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) January 24, 2018


 

आपको बता दें कि आप विधायकों के खिलाफ ‘लाभ का पद’ का मामला इन्हें संसदीय सचिव बनाए जाने से जुड़ा है।  अरविंद केजरीवाल सरकार ने 13 मार्च 2015 को इन्हें संसदीय सचिव बना दिया था, जबकि दिल्ली में संसदीय सचिव ‘लाभ का पद’ है।

इस पदों के विवाद के बीच चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति से सिफारिश की थी कि वह इन 20 विधायकों को अयोग्य ठहराए। हालांकि आम आदमी पार्टी यह आस लगाए बैठी थी कि राष्ट्रपति उनके पक्ष में फैसला सुनाएंगे लेकिन ऐसा कुछ नही हुआ। इस सिफारिश पर राष्ट्रपति ने आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को अयोग्य ठहराया था।

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