कपिल ने निलंबन पर पूछे सवाल, दी चुनौती सार्वजनिक हो मंत्रियों की फाईलें
दिल्ली के पूर्व मंत्री व आप विधायक कपिल मिश्रा ने आज पार्टी के संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नोटिस भेजकर सवाल किया है;
नई दिल्ली। दिल्ली के पूर्व मंत्री व आप विधायक कपिल मिश्रा ने आज पार्टी के संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नोटिस भेजकर सवाल किया है कि पीएसी द्वारा पार्टी संविधान का उल्लंघन कर बिना प्रक्रियाओं के पालन, बिना नोटिस दिए व बिना मुझे अपनी बात कहने का अवसर दिए जिस प्रकार मेरे निलंबन की घोषणा करने व दो महीने बाद तक इस संबंध में किसी भी प्रकार का कोई नोटिस व जानकारी न दिए जाने के की बाबत नोटिस दे रहा हूं। उन्होंने इस नोटिस का जवाब सात दिन में मांगा है।
उन्होंने पूछा कि सदस्यता से निलंबित करने का फैसला पार्टी पीएसी ने किया है, तो ये फैसला कब, किस बैठक में किया गया और उसके मिनट्स सार्वजनिक करें। बताएं कि मेरे खिलाफ किसने, कब, क्या शिकायत की क्योंकि पार्टी संविधान के अनुसार निलंबित करने का निर्णय केवल अनुशासनात्मक कार्यवाही लंबित होने की स्थिति में हो सकता है, लेकिन मेरे खिलाफ कार्यवाही लंबित नहीं है। बिना अपनी बात रखने का अवसर दिए, अनुशासनात्मक कार्यवाही संभव ही नहीं है, गैरकानूनी है फिर ऐसे गैरकानूनी निर्णय के पीछे कारण क्या है? स्वतंत्र विचार रखना, सदस्य के निलंबन का कारण नहीं बन सकता। पार्टी का प्रमुख उद्देश्य भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना है और मैंने यही किया फिर मेरा निलंबन गैर कानूनी है। मैंने पार्टी के उद्देश्य यानी भ्रष्टाचार से लड़ने का ही काम किया है।
कपिल मिश्रा ने पूछा कि न मेरे खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की कोई कमेटी बनी, न नोटिस दिया न सफाई का अवसर और न ही उस दिन की पीएसी की मीटिंग के मिनट्स। निलंबन के लिए पार्टी के संविधान में जितने भी प्रावधान है, सभी का खुलेआम उल्लंघन किया तो क्या पार्टी पीएसी, संविधान से भी बड़ी हो गई है।
श्री मिश्रा ने कहा कि मैंने पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक के भ्रष्ट होने, उनके रिश्तेदारों की संलिप्तता, सरकार के एक मंत्री के भ्रष्टाचार के मामलों को उठाया, क्या पार्टी के संविधान में ये गुनाह है। मुझे निलंबित करने की घोषणा के बावजूद पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल विधानसभा के हर सत्र में व्हिप जारी करवाकर मेरे वोट की भीख क्यों मांगते हैं। विधानसभा में मुझसे व्हिप द्वारा पार्टी लाइन पर वोट डलवाने की भीख मांगना व विधानसभा के बाहर गैर कानूनी तरीके से निलंबित रखना मूर्खता नहीं तो और क्या है।
उन्होंने कहा कि मैं पीएसी के सभी सदस्यों को चुनौती देता हूं कि मंत्री के तौर पर मेरे द्वारा किए गए सभी कार्यों, निर्णयों व फाइलों को सार्वजनिक करें। मेरी, आपकी व सभी मंत्रियों की सभी फाइलों को सार्वजनिक कर दिया जाए। जो भ्रष्ट साबित हो उसे पार्टी से निकाल दिया जाए।
उन्होंने कहा कि मैं पीएसी के सभी सदस्यों को सात दिन में इस नोटिस का जवाब देने का समय देता हूं लेकिन हिदायत देता हूं कि चंद भ्रष्टाचारियों को बचाने के चक्कर मे पूरी पार्टी के संविधान की धज्जियां न उड़ाएं।