टीकाकरण में आरक्षण के खिलाफ जोगी ने उच्च न्यायालय में दायर की याचिका

जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने छत्तीसगढ़ सरकार के 30 अप्रैल के टीकाकरण अभियान के आरक्षण लागू करने के निर्णय को चुनौती देते हुए बिलासपुर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है;

Update: 2021-05-03 23:10 GMT

बिलासपुर। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने छत्तीसगढ़ सरकार के 30 अप्रैल के टीकाकरण अभियान के आरक्षण लागू करने के निर्णय को चुनौती देते हुए बिलासपुर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की हैं।

अधिवक्ता अरविंद श्रीवास्तव के माध्यम से दायर याचिका में श्री जोगी ने दलील दी हैं कि छत्तीसगढ़ सरकार का टीकाकरण में आरक्षण लागू करने का निर्णय असंवैधानिक और अनैतिक होने के साथ-साथ ग़ैर-वैज्ञानिक भी है। टीके की खुराक पहले उन लोगों को लगना चाहिए जिनके संक्रमित होने की अधिक सम्भावना है, भले ही वे किसी भी वर्ग या जाति के क्यों न हों। इस बात का निर्णय अस्पताल में विशेषज्ञ-डॉक्टर ही ले सकते हैं न कि वातानुकूलित कमरों में बैठे ग़ैर-विशेषज्ञ नेता।

याचिका में श्री जोगी ने कहा कि देश के संविधान के अंतर्गत किसी भी शासक को यह तय करने का अधिकार नहीं दिया जा सकता कि कौन जिये और कौन मरे। टीकाकरण का आधार आरक्षण की जगह विज्ञान होना चाहिए और उपचार का केवल एक ही आधार होता है जिसे चिकित्सा की भाषा में ट्रीआज़ कहा जाता है।

याचिका में श्री जोगी ने उल्लेख किया कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 15 अप्रेल को बुलाई सर्वदलीय बैठक में उन्होंने लिखित में कोरोना के रोकथाम, नियंत्रण और उपचार के लिए सुझाव दिए थे। इसमें उन्होंने शासन से आग्रह किया था कि ‘1 मई से शुरू होने वाले 18-45 आयु के लक्षित समूह के टीकाकरण अभियान में ट्रीआज़ के आधार पर पूर्व रोग से ग्रसित लोगों को पहले टीका लगाया जाना चाहिए।’श्री जोगी ने अदालत से इस मामले पर प्राथमिकता से सुनवाई करने का अनुरोध किया है।

ज्ञातव्य हैं कि राज्य सरकार ने वैक्सीन की कम उपलब्धता का हवाला देते हुए 18 से 44 आयु वर्ग के लोगो के एक मई से चल रहे अभियान में अभी अंत्योदय राशनकार्डधारियों का टीकाकरण ही शुरू किया है।

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