झारखंड चुनाव को लेकर हाईकोर्ट ने आयोग को दिया निर्देश, कहा- टाइमलाइन के अनुसार चुनावी प्रक्रिया पूरी करें
झारखंड के सभी 48 नगर निगमों और नगर निकायों के लंबित चुनाव कराने का रास्ता साफ हो गया है। इसके लिए राज्य सरकार ने अपनी ओर से सारी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने सोमवार को हाईकोर्ट को चुनाव कराने की प्रस्तावित टाइमलाइन पर सीलबंद रिपोर्ट सौंप दी;
झारखंड में 48 नगर निगमों और नगर निकायों के होंगे चुनाव, आयोग ने हाईकोर्ट को सौंपी टाइमलाइन
रांची। झारखंड के सभी 48 नगर निगमों और नगर निकायों के लंबित चुनाव कराने का रास्ता साफ हो गया है। इसके लिए राज्य सरकार ने अपनी ओर से सारी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने सोमवार को हाईकोर्ट को चुनाव कराने की प्रस्तावित टाइमलाइन पर सीलबंद रिपोर्ट सौंप दी।
आयोग की ओर से कोर्ट को बताया गया है कि चुनाव की तैयारी में कम से कम आठ सप्ताह का समय लगेगा, इसके बाद 45 दिनों के भीतर चुनाव की अधिसूचना जारी कर निर्वाचन प्रक्रिया पूरी की जा सकती है। इस पर हाईकोर्ट ने आयोग को निर्देश दिया कि वह प्रस्तावित टाइमलाइन के अनुसार चुनावी प्रक्रिया पूरी कर ले। हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 30 मार्च निर्धारित की है।
नगर निगमों और नगर निकायों के चुनाव लंबे समय से नहीं कराए जाने को लेकर दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अदालत को बताया कि चुनाव में ओबीसी आरक्षण के लिए सूची, जनसंख्या के आंकड़े सहित सभी जरूरी दस्तावेज और डाटा राज्य निर्वाचन आयोग को उपलब्ध करा दिए गए हैं। अब सरकार की ओर से आयोग को किसी अतिरिक्त जानकारी की आवश्यकता नहीं है। राज्य निर्वाचन आयोग ने भी स्वीकार किया कि सरकार ने नगर निकाय चुनाव से संबंधित सभी औपचारिकताएं पूरी कर दी हैं। अब आयोग को अधिसूचना जारी करने और आगे की चुनावी प्रक्रिया शुरू करने की कार्रवाई करनी है।
साथ ही आयोग को निर्देश दिया है कि तय समयसीमा के भीतर राज्य में निकाय चुनाव संपन्न कराने की दिशा में आवश्यक कदम उठाए। प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता विनोद कुमार सिंह ने पक्ष रखा, जबकि राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से अधिवक्ता सुमित गाड़ोदिया पेश हुए।
बता दें कि प्रार्थी रोशनी खलखो और रीना कुमारी ने अवमानना याचिका दायर कर नगर निगम व नगर निकाय चुनाव कराने संबंधी अदालत के पूर्व आदेश के अनुपालन की मांग की है। झारखंड के सभी नगर निकायों का कार्यकाल अप्रैल 2023 में समाप्त हो चुका है। उस समय 27 अप्रैल 2023 तक नए चुनाव कराए जाने थे, लेकिन ओबीसी आरक्षण तय करने के लिए शुरू की गई ‘ट्रिपल टेस्ट’ प्रक्रिया पूरी न होने के कारण चुनाव टलते रहे। अप्रैल 2023 के बाद से राज्य के सभी नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद और नगर पंचायतों का संचालन सरकारी प्रशासकों के हाथों में है और पिछले सवा दो वर्षों से निर्वाचित प्रतिनिधियों की भूमिका समाप्त हो गई है।