झारखंड हाईकोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश होंगे जस्टिस एमएस सोनक
जस्टिस एमएस सोनक झारखंड हाईकोर्ट के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे। इस पद पर उनकी नियुक्ति झारखंड हाईकोर्ट के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश जस्टिस तरलोक सिंह चौहान की 8 जनवरी 2026 को सेवानिवृत्ति के बाद होगी। यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की बैठक में लिया गया;
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने एमएस सोनक को झारखंड हाईकोर्ट का अगला चीफ जस्टिस चुना
- बॉम्बे हाईकोर्ट के जज एमएस सोनक को झारखंड हाईकोर्ट की जिम्मेदारी
- जस्टिस तरलोक सिंह चौहान की सेवानिवृत्ति के बाद एमएस सोनक संभालेंगे पद
- सामाजिक सरोकारों और न्यायिक अनुभव के लिए पहचाने जाते हैं जस्टिस एमएस सोनक
रांची। जस्टिस एमएस सोनक झारखंड हाईकोर्ट के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे। इस पद पर उनकी नियुक्ति झारखंड हाईकोर्ट के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश जस्टिस तरलोक सिंह चौहान की 8 जनवरी 2026 को सेवानिवृत्ति के बाद होगी। यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की बैठक में लिया गया।
जस्टिस महेश शरदचंद्र सोनक इस वक्त बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायाधीश हैं। 28 नवंबर 1964 को जन्मे जस्टिस सोनक ने गोवा के पणजी स्थित डॉन बॉस्को हाईस्कूल से प्रारंभिक शिक्षा पूरी की। इसके बाद धेम्पे कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड साइंस से बीएससी और एमएस कॉलेज ऑफ लॉ, पणजी से प्रथम श्रेणी में एलएलबी की डिग्री प्राप्त की।
इसके अतिरिक्त उन्होंने जेवियर सेंटर ऑफ हिस्टोरिकल रिसर्च से पुर्तगाली भाषा में डिप्लोमा भी हासिल किया है। अक्टूबर 1988 में जस्टिस सोनक महाराष्ट्र एवं गोवा बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में नामांकित हुए। उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट की पणजी पीठ में दीवानी और संवैधानिक कानून, श्रम एवं सेवा कानून, पर्यावरण कानून, वाणिज्यिक और कर कानून, कंपनी कानून तथा जनहित याचिकाओं के क्षेत्र में व्यापक प्रैक्टिस की। वे केंद्र सरकार के अतिरिक्त स्थायी अधिवक्ता, राज्य सरकार तथा वैधानिक निगमों के विशेष अधिवक्ता भी रहे।
कई मामलों में एमिकस क्यूरी तथा विधिक सहायता योजना के तहत अदालत की सहायता कर चुके हैं। इसके अलावा, वे कई विधिक, शैक्षणिक और सामाजिक संगठनों से भी जुड़े रहे हैं। उनके पास न्यायिक और प्रशासनिक दोनों स्तरों का लंबा अनुभव है। 21 जून 2013 को उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया था।
जस्टिस एमएस सोनक न्यायिक दायित्वों के साथ-साथ सामाजिक और मानवीय सरोकारों के लिए भी पहचाने जाते हैं। उन्होंने इतिहास रचते हुए गोवा में 'लिविंग विल' या एडवांस मेडिकल डायरेक्टिव दर्ज कराने वाले पहले व्यक्ति बनने का गौरव प्राप्त किया था।