झारखंड: बैंकों को मिला1000 करोड़ वित्तीय समावेशन का लक्ष्य
झारखंड में विभिन्न क्षेत्रों में समयबद्ध विकास को पूरा करने के उद्देश्य से बैंकों को आगामी 15 नवम्बर तक 1000 करोड़ रुपये के वित्तीय समावेशन का लक्ष्य दिया गया है।;
रांची। झारखंड में विभिन्न क्षेत्रों में समयबद्ध विकास को पूरा करने के उद्देश्य से बैंकों को आगामी 15 नवम्बर तक 1000 करोड़ रुपये के वित्तीय समावेशन का लक्ष्य दिया गया है।
राज्य की मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने आज यहां कई बैंकों के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए कहा कि 15 नवंबर से पहले 1000 करोड़ का वित्तीय समावेशन का लक्ष्य हर हाल में पूर्ण होनी चाहिये। उन्होंने कहा, “ मुख्यमंत्री रघुवर दास समयबद्ध विकास को प्राथमिकता देते हैं इसलिये 15 नवंबर की तिथि तक लक्ष्य अवश्य पूरा हो। विकास कार्यो को पूरा करने में बैंकों की महत्वपूर्ण भागीदारी है।
वित्तीय समावेशन में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया 200 करोड़, बैंक ऑफ इंडिया 300 करोड़, कैनरा बैंक 150 करोड़, इलाहाबाद और पंजाब नेशनल बैंक 100-100 करोड़, यूनाईटेड बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया एवं सेंट्रल बैंक को 50-50 करोड़ रुपये के वित्तीय समावेशन को पूरा करें।”
वर्मा ने बैकों को प्रधानमंत्री द्वारा युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के लिए किये जा रहे प्रयासों के तहत मुद्रा योजना, स्टैंड अप इंडिया योजना और रोजगार गारंटी योजना के तहत प्राप्त आवेदनों पर शीध्र कार्रवाई का भी निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों से राज्य के युवाओं को ऋण प्राप्त कर अपना रोजगार शुरू करने को कहा।
मुख्य सचिव ने कहा कि झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों की सबसे बड़ी ताकत गांव की महिलाएं हैं। सखी मंडल के तहत स्वयं सहायता समूह झारखंड का नया इतिहास रच रही हैं। अब तक 25 हजार स्वयं सहायता समूह को वित्त संपोषित किया गया है। इस वर्ष 50 हजार समूहों को वित्त संपोषित करना है। इसलिये अधिक से अधिक सखी मंडलों के बैंक लिंकेज प्रस्ताव को अभियान मोड में पूरा करने किये जाने की जरूरत है। बैठक में वित्त सचिव सतेंन्द्र सिंह तथा सभी बैंकों के राज्य स्तरीय शीर्ष पदाधिकारी उपस्थित थे।