जयललिता के करीबी सहयोगी सुंदरम द्रमुक में हुए शामिल

1996 के विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार के बाद तमिलनाडु विधानसभा में अन्नाद्रमुक के चार विधायकों में से एक और दिवंगत पार्टी प्रमुख जे.जयललिता के करीबी सहयोगी पीआर सुंदरम ने रविवार को पार्टी छोड़ दी;

Update: 2021-07-11 23:07 GMT

चेन्नई। 1996 के विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार के बाद तमिलनाडु विधानसभा में अन्नाद्रमुक के चार विधायकों में से एक और दिवंगत पार्टी प्रमुख जे. जयललिता के करीबी सहयोगी पीआर सुंदरम ने रविवार को पार्टी छोड़ दी और द्रमुक में शामिल हो गए। 2019 में लोकसभा टिकट से वंचित किए जाने के बाद से सुंदरम के पार्टी के वर्तमान नेतृत्व के साथ अच्छे संबंध नहीं रहे हैं।

वयोवृद्ध नेता द्रमुक में पार्टी के राज्य मुख्यालय अन्ना अरिवालयम में मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन की मैजूदगी में शामिल हुए।

वह पार्टी के लिए संकट के समय में अन्नाद्रमुक के मुखर समर्थक रहे और उनके पार्टी से निकले जाने को कार्यकर्ता अच्छा नहीं मान रहे हैं।

वरिष्ठ नेता ने द्रमुक में शामिल होने के बाद कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी पार्टी में तानाशाह बन गए हैं, जबकि ओ. पन्नीरसेल्वम, जो पूर्व मुख्यमंत्री भी थे, उनके हाथों की मात्र कठपुतली में बदल गए हैं।

सुंदरम ने कहा कि अन्नाद्रमुक चाटुकारों की पार्टी में बदल गई है और जो लोग नेतृत्व (पलानीस्वामी) के खिलाफ बोलते हैं, उन्हें दरकिनार किया जा रहा है और फिर पार्टी से बाहर कर दिया गया है।

पूर्व सांसद ने यह भी कहा कि एआईएडीएमके में जाति का कारक सिर चढ़ गया है और वरिष्ठ नेता इस मुद्दे को दूर करने के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि वह द्रमुक के कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करेंगे और अपने पैतृक शहर में पार्टी का विकास करेंगे।

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