नईउम्मीदों के साथ नववर्ष का हुआ स्वागत

जांजगीर ! कुछ अच्छी और कुछ अधूरी यादों के साथ वर्ष 2016 बीत गया इसके साथ ही नयी उम्मीद व अपेक्षाओं के साथ नव वर्ष के स्वागत का सिलसिला देर रात जिले भर में चलता रहा।;

Update: 2017-01-01 22:04 GMT

कुछ अच्छी और कुछ अधूरी यादों के साथ बीत गया वर्ष 2016

जांजगीर !  कुछ अच्छी और कुछ अधूरी  यादों के साथ वर्ष 2016 बीत गया इसके साथ ही नयी उम्मीद व अपेक्षाओं के साथ नव वर्ष के स्वागत का सिलसिला देर रात जिले भर में चलता रहा। सोशल मीडिया से लेकर विभिन्न माध्यमों से लोग एक दूसरे को बधाई संदेश देते रहे। वही युवा टोली पिकनीक व पार्टीयों में व्यस्त दिखे। इस बीच जिलेवासियों को नये साल में विकास के नये आयाम गढऩे के  सपने भी पूरे होने की उम्मीदों को लेकर बड़ी अपेक्षाएं बनी हुई है। खासकर शिक्षा, स्वास्थ्य व पेयजल के क्षेत्र में जिला अभी भी पिछड़ा हुआ है।
जिला मुख्यालय में बंद पड़ी हसदेव जल आपूर्ति योजना के शुरू होने के आलावा जिला चिकित्सालय में बर्न यूनिट तथा ट्रामा सेन्टर की स्थापना की मांग के आलावा उच्च इंजीनियरिंग महाविद्यालय, मेडिकल कॉलेज की उम्मीद बनी हुई है। इसी तरह नगर में बाईपास मार्ग, ट्रांसपोर्ट नगर तथा सरकारी कार्यालयों के लिए कम्पोजिट बिल्डिंग की मांग बनी हुई है। बीते वर्ष में जिले ने जहां कई उपलब्धियां हासिल की है। वही कुछ ऐसी घटनाएं भी जिनको याद करना शायद किसी को अच्छा न लगे। खासकर नरियरा के दलित युवक की पुलिस हिरासत में हुई मौत, जैजैपुर क्षेत्र में हुई लूट व गोली काण्ड, महाविद्यालयीन समस्याओं को लेकर जैजैपुर, मालखरौदा व डभरा में छात्र संगठनो द्वारा किया गया प्रदर्शन ऐसे मामले है, जिनसे प्रशासन को सीख लेकर भविष्य के लिए कुशल रणनीति बनानी होगी।  बहरहाल वर्ष 2016 बीत चुका है ऐसे में नये वर्ष में नयी उम्मीदों के साथ नये सवेरे का स्वागत करने जिलेवासी आतुर है।  वर्ष 2016 में जिले को लम्बे इंतजार के बाद जिला चिकित्सालय में ब्लड बैंक की सौगात मिली लेकिन स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर यह महज एक सीढ़ी मात्र ही है। अभी भी चिकित्सा सुविधा के नाम पर जिले में काफी कुछ किया जाना बॉकी है। इसी तरह शिक्षा  के क्षेत्र में कृषि प्रधान जिले को कृषि महाविद्यालय का भव्य भवन मिला जो निश्चित तौर पर जिले मेंकृषि विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इसी तरह जिले के विकास के लिए चमचमाती सडक़ो का सपना शीघ्र पूरा होता नजर आ रहा है। खासकर प्रमुख नगरो को स्वीकृत हुए बाईपास से यातायात दबाव घटने के साथ ही दुर्घटनाओं की आशंका पर भी अंकुश लगने की उम्मीद की जा सकती है।
जिले की प्रमुख आवश्यकताएं
*      मरच्यूरी, ट्रामा सेन्टर, बर्न यूनिट व विशेषज्ञ         डॉक्टरों की कमी।
*      इंजीनियरिंग व मेडिकल महाविद्यालय की         स्थापना।
*      किसानों के उत्पाद के लिए सर्वसुविधा युक्त         मण्डी।
*      प्रदेश के सर्वाधिक सिंचित रकबा वाले जिले के     बावजूद एक फसल तक सीमित कृषको की         सुविधा बढ़ाने की आवश्यकता।
*      तेजी से बढ़ते औद्योगिकीकरण के अनुरूप         गुणवक्ता युक्त सडक़े।
*      भाड़े के मकानो में संचालित शासकीय कार्योलयों     के लिए कम्पोजिट   बिल्डिंग।
*      जिले की लाईफ लाइन कही जाने वाली नहरों     का विस्तार व मरम्मत।
*      किसानो के लिए किसान परार्मश केन्द्र की         स्थापना।
*      दु्रतगामी ट्रेनो का मुख्यालय में स्टापेज।
*      खेल जोन व व्यस्थित खेल मैदान।
*      महिला पुलिस थाना, यातायात थाना।
*      बढ़ते उद्योगों के बीच क्षेत्रीय प्रदूषण कार्यालय     की स्थापना।
*      उद्योगों में स्थानीय युवाओं की उपेक्षा के प्रति         जनप्रतिनिधि व जिला प्रशासन का उदासीन         रवैय्या
*      तेजी से बढ़ते शहरीकरण के बीच गहराते भूमिगत     जल स्त्रोतो की बीच आम जनता तक शुद्ध पेयजल     की आपूर्ति।

 

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