खपत अधिक आपूर्ति कम, बार-बार गुल हो रही बिजली

जांजगीर । गर्मी आते ही लोगों को विद्युत विभाग से शिकायत का अंबार लग जाता है। बार-बार बिजली गुल होना सबसे बड़ी समस्या रहती है।;

Update: 2017-05-01 04:44 GMT

खपत 130 एम्पीयर पहुंची बढक़र 150 एम्पीयर तक
जांजगीर  । गर्मी आते ही लोगों को विद्युत विभाग  से शिकायत का अंबार लग जाता है। बार-बार बिजली गुल होना सबसे बड़ी समस्या रहती है। इसके अलावा बिजली की खपत बढऩे से बिल का ग्राफ भी बढ़ जाता है, जिसे लेकर लोगों का बजट प्रभावित होना स्वाभाविक है। दिन ब दिन सुविधा भोगी होते लोग और बढ़ती आबादी के बीच बिजली खपत ने हो रही बढ़ोत्तरी के बीच पुराने हो चुके बिजली के तार और उपकरण बार-बार खराब हो रहे है। जिससे विद्युत आपूर्ति प्रभावित हो रही है।  पिछले वर्ष मई माह में 130 एम्पीयर बिजली खपत दर्ज की गई थी, वहीं इस वर्ष मार्च माह के प्रांरभ में 130 एम्पीयर बिजली खपत दर्ज की गई थी। जो अप्रैल में शहर की बिजली खपत लगभग 150 एम्पीयर तक बढऩे की संभावना जताई गई है।
जिले में इस बार अप्रैल माह के अंतिम सप्ताह में जिला मुख्यालय का तापमान लगभग 40 से 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा है। ऐसे में लोग गर्मी से बचने के लिए एसी, कूलर, पंखों का सहारा ले रहे हैं। छत्तीसगढ़ विद्युत उत्पादन कंपनी इन दिनों बिजली उत्पादन के मामले में काफी परेशान है। तो वहीं गर्मी के चलते बिजली खपत बढऩे से वितरण कंपनी मांग के अनुसार आपूर्ति नहीं कर पा रही है। जिले में 2 लाख 89 हजार 912 उपभोक्ता हैं। यहां चांपा डिवीजन में 99 हजार 372, सक्ती डिवीजन में 1 लाख 21 हजार 288 व अकलतरा विद्युत संभाग में 68 हजार 400 उपभोक्ता हैं। जिला मुख्यालय में उपभोक्ताओं की संख्या लगभग साढ़े 10 हजार है और यहां का तापमान बढऩे से लोग गर्मी से परेशान हैं। इससे बचने वे अभी से एसी, कूलर व पंखों का सहारा ले रहे हैं। अन्य वर्षों की तुलना में इस वर्ष बिजली की खपत बढ़ गई है। विभागीय आंकड़ों के अनुसार शहर में वर्ष 2015 के मई माह में 130 एम्पीयर बिजली की खपत दर्ज की गई थी, लेकिन इस वर्ष मार्च माह के पहले सप्ताह में ही 130 एम्पीयर तक बिजली खपत पहुंच गई। जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय में फरवरी माह से बिजली खपत बढ़ गई है। शहर में फरवरी माह में 28 लाख यूनिट व मार्च माह में 34 लाख यूनिट खपत दर्ज गई है। इसी तरह शहर में अप्रैल माह के अंतिम सप्ताह लगभग 48 लाख यूनिट बिजली खपत होने का अनुमान है। शहर में कूलर, एसी, पंखा के उपयोग से बिजली की खपत बढ़ गई है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में जहां कटौती शुरू हो गई है। वहीं शहरों में भी आए दिन बिजली चले जाने की शिकायत आम है।
प्रति यूनिट बिजली की दर बढऩे से बजट गड़बड़ाया
बारिश की कमी से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शहर में गर्मी के चलते बिजली खपत बढऩे लगी है। ऐसे में विद्युत वितरण कंपनी द्वारा बढ़ाई गई कीमत का असर बिल में देखा जा रहा है। जिन लोगों का बिल पहले 400 से 500 रूपए महीना आता था। अब बिल 800 से 1000 रूपए तक आ रहा है। मजबूरीवश उपभोक्ताओं को बिल पटाना पड़ रहा है।

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