भाजपा से गठबंधन नहीं करेगी नेशनल कांफ्रेंस : उमर अब्दुल्ला
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ कोई गठबंधन नहीं करेगी;
उमर अब्दुल्ला का स्पष्ट संदेश : भाजपा से कोई समझौता नहीं
- जम्मू-कश्मीर को लेकर भाजपा पर बरसे उमर, गठबंधन से किया इनकार
- स्मार्ट मीटर, मुफ्त बिजली और गठबंधन पर उमर अब्दुल्ला की दो टूक
- राज्य का दर्जा बहाली भाजपा की जिम्मेदारी: उमर अब्दुल्ला
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ कोई गठबंधन नहीं करेगी।
श्री अब्दुल्ला ने अपनी सरकार के एक वर्ष पूरे होने के अवसर पर यहां एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि उनकी पार्टी नेशनल कांफ्रेंस राज्य में भाजपा के साथ कोई गठबंधन नहीं करेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी किसी भी हालत में भाजपा से हाथ नहीं मिलाएगी। वर्ष 2015 में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और भाजपा के बेमेल गठबंधन ने जम्मू-कश्मीर को बर्बादी के कगार पर ला खड़ा किया था। हम आज भी इसके दुष्परिणाम भुगत रहे हैं। मैं वह गलती नहीं दोहराने वाला, जो दूसरों ने की थी। ”
उन्होंने कहा कि मंत्रिपरिषद में कुछ और मंत्रियों को शामिल किये जाने की संभावना है। उन्होंने कहा, “ यह मामला मेरे विचाराधीन है। उपचुनाव संपन्न होते ही हम मंत्रिमंडल विस्तार करेंगे।”
श्री अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार वर्तमान में कुछ संवैधानिक प्रतिबंधों के तहत काम कर रही है, क्योंकि यह एक केंद्र प्रशासित क्षेत्र है। मंत्रियों की संख्या सीमित कर दी गयी है।
उन्होंने कहा, “ यह मानना गलत है कि जब तक कोई व्यक्ति मंत्री नहीं बनता, वह अपने क्षेत्र के लिए काम नहीं कर सकता। मैं सिर्फ गंदेरबल का मुख्यमंत्री नहीं हूं, बल्कि पूरे जम्मू-कश्मीर का मुख्यमंत्री हूं। इसी तरह सुश्री सकीना बेगम सिर्फ नूराबाद की मंत्री नहीं हैं, बल्कि पूरे राज्य की सेवा कर रही हैं। ”
श्री अब्दुल्ला ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस मुद्दे को पहलगाम की घटना से जोड़ा जा रहा है। इस घटना के लिए न तो चुनी हुई सरकार ज़िम्मेदार थी और न ही आम जनता ने इसका समर्थन किया। हमले में शामिल लोग जम्मू-कश्मीर के नहीं थे।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने के मामले में भाजपा को अपने वादे पर ईमानदार होना चाहिए। भाजपा ने कभी नहीं कहा था कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा तभी बहाल होगा, जब वह सत्ता में आयेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, “ अगर उनकी यही मंशा है, तो उन्हें जनता के सामने खुलकर कहना चाहिए कि जब तक गैर-भाजपा सरकार रहेगी, राज्य का दर्जा बहाल नहीं होगा। फिर जनता खुद तय करेगी कि क्या करना है। ”
श्री अब्दुल्ला ने स्मार्ट बिजली मीटरों को लेकर जनता की चिंताओं को भी स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणापत्र में कहीं भी स्मार्ट मीटर हटाने का वादा नहीं किया गया था। उन्होंने कहा,“ हमने वादा किया था कि जनता को 200 यूनिट मुफ़्त दी जायेगी, लेकिन यह तभी संभव है, जब स्मार्ट मीटर लगाये जायें, ताकि उपभोक्ताओं की बिजली खपत का सही आकलन हो सके। अगर मीटर ही नहीं होंगे, तो वादा कैसे पूरा होगा?”
उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य जनता को बेहतर बिजली आपूर्ति कराना और कम बिल देना है। गरीब उपभोक्ताओं के लोड का सटीक आकलन होने के बाद, उनके बिजली बिलों में उल्लेखनीय कमी आयी है। हमारा लक्ष्य है कि गरीबों को मुफ़्त बिजली मिलें, बिल कम हों और बिजली आपूर्ति बेहतर हो। ”
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार द्वारा अपने घोषणापत्र में जनता से किये गये वादे पांच साल की अवधि में पूरे किये जायेंगे। उन्होंने कहा, “ कुछ मुश्किलें ज़रूर हैं, लेकिन हमने जो भी वादे किये थे, उन्हें अपने कार्यकाल में पूरा किया जायेगा। चाहे 12 गैस सिलेंडर देने हों, या राशन कोटा बढ़ाना हो, ये सभी परियोजनायें चरणबद्ध तरीके से लागू की जा रही हैं।”
उन्होंने कहा कि सरकार ने बिजली व्यवस्था को स्थिर करने के लिए कड़ी मेहनत की है। उन्होंने कहा, “ बाढ़ के दौरान भी, हमने यथाशीघ्र बिजली बहाल की। हमारा लक्ष्य जनता को बेहतर सुविधायें प्रदान करना है।"
उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार किसी दबाव में काम नहीं करेगी। उन्होंने कहा, “ मैं आखिरी व्यक्ति हूं जिस पर दबाव डाला जा सकता है। सरकारें प्रक्रिया के अनुसार चलती हैं, किसी के इशारे पर नहीं।”