जालंधर बस अड्डे का संचालन फिर से ठेके पर दिया

पंजाब रोडवेज ने जालंधर बस अड्डे का संचालन आप्रेट एंड मेंटीनेंस (ओएंडएम) के आधार पर एक बार फिर से ठेके पर दे दिया है। ;

Update: 2018-03-22 15:09 GMT

जालंधर। पंजाब रोडवेज ने जालंधर बस अड्डे का संचालन आप्रेट एंड मेंटीनेंस (ओएंडएम) के आधार पर एक बार फिर से ठेके पर दे दिया है। 

अप्रैल माह से बस अड्डे का संचालन एवं रखरखाव निजी कम्पनी आरआरकेके, जालंधर करेगी। इससे पूर्व भी जालंधर का बस अड्डा बड़ौदा की निजी कंपनी वेलस्पन के पास था लेकिन कंपनी से विवाद तथा अनियमितताओं के कारण न्यायालय के आदेश पर 21 जनवरी 2015 को बस अड्डे का परिचालन रोडवेज ने अपने हाथों में ले लिया था।

बस अड्डे के भीतर चल रही दुकानों में से लगभग 43 दुकानदारों के साथ रोडवेज प्रबंधन का किराया को लेकर न्यायालय में विवाद चल रहा है। इसके अतिरिक्त वहां जनसुविधाओं का भी अभाव है।

पंजाब रोडवेज जालंधर डिपो के महाप्रबंधक परनीत सिंह मिन्हास ने आज यहां बताया कि जालंधर बस अड्डे को आप्रेट एंड मेंटीनेंस ( ओ एंड एम) के आधार पर निजी कंपनी आरआरकेके को पांच वर्ष के लिए दिया गया है।

ठेके से पंजाब रोड़वेज को प्रति माह 60 लाख रुपए प्राप्त होंगे। उन्होंने बताया कि ओएंडएम के तहत बस अड्डे की दुकानों, सुरक्षा, अड्डा फीस उगाही, साफ-सफाई और पार्किंग आदि का सारा कार्य निजी कंपनी की ओर से किया जाएगा।

बस अड्डे को ठेके पर देने से यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी। मौजूदा समय में साफ सफाई आदि सहित कई कार्यों में दिक्कत पेश आ रही हैं।

मिन्हास ने कहा कि कर्मचारियों की कमी तथा सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए रोडवेज ने बस अड्डे को ठेके पर देने का फैसला किया है जबकि अड्डे का प्रबंधन रोडवेज के पास ही रहेगा।
उन्होंने बताया कि बस अड्डे की जिन दुकानों का अदालत में मामला चल रहा है उन्हें जैसी हैं, जहां हैं, के आधार पर ठेकेदार को दे दिया गया है।

जालंधर बस अड्डे का निर्माण गुजरात के बड़ौदा की कम्पनी एमएसके प्रोजेक्ट ने बीओटी के आधार पर किया था। इसका निर्माण सात 2005 में शुरू होकर साल 2007 में पूरा हुआ था जिसके बाद से इस का प्रबंध वेलस्पन कम्पनी देख रही थी।

निर्माण से सबंधित कुछ मुद्दों को लेकर संबंधित कम्पनी ने मुकदमा दायर कर दिया था। साल 2012 में पंजाब रोडवेज ने चंडीगढ़ स्थित सेशन कोर्ट में मुकदमा दायर किया जिसके फैसले में आठ सितंबर को न्यायानलय ने संबंधी कंपनी को प्रबंधन राडवेज को सौंपने के आदोश दिए थे। इक्कीस जनवरी 2015 को रोडवेज के कर्मचारियों ने बस अड्डे का प्रबंधन आने हाथ में ले लिया था।

 

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