धारा 370 और 35-ए को लेकर जम्मू-कश्मीर बंद
धारा 370 और 35ए के समर्थन में व्यापार मंडल केईए ने आज कश्मीर घाटी बंद का आह्वान किया;
नई दिल्ली। जब भी चुनाव आता है तो धारा 370 की चर्चा होने लगती है। एक तरफ ये वोट बैंक का भी काम करता है तो दूसरी तरफ वोट काटने का। वहीं 35-ए को भी जब लेकर चर्चा छिड़ती है तो जम्मू-कश्मीर घाटी में तनाव और बंद की स्थिति पैदा हो जाती है। अनुच्छेद 370 और 35ए के समर्थन में व्यापार मंडल कश्मीर इकोनामिक एलायंस (केईए) ने आज घाटी बंद का आह्वान किया है।
व्यापारियों के बुलाए गए बंद से जनजीवन प्रभावित
कश्मीर घाटी में आज व्यापारियों द्वारा विरोध प्रदर्शन को लेकर बुलाए गए बंद से आम जनजीवन प्रभावित रहा। केंद्र द्वारा जमात-ए-इस्लामी जम्मू एवं कश्मीर पर प्रतिबंध लगाने व इसके 200 कैडरों की गिरफ्तारी के खिलाफ यह बंद बुलाया गया है।
प्रदर्शन कर रहे व्यापारियों ने कहा कि बंद अनुच्छेद 35ए व 370 के संरक्षण को लेकर भी है। यह अनुच्छेद राज्य को विशेष दर्जा देते हैं।
सैयद अली गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और मोहम्मद यासीन मलिक के नेतृत्व वाले अलगाववादी समूह संयुक्त प्रतिरोध नेतृत्व (जेआरएल) ने बंद का समर्थन किया है।
दुकानें, दूसरे व्यवसाय व सार्वजनिक परिवहन बंद रहे।
प्रशासन ने श्रीनगर के पुराने शहर इलाके व कानून व व्यवस्था के प्रति संवेदनशील घाटी के दूसरे इलाके में पुलिस व केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की भारी तैनाती की है।
केंद्र सरकार ने 28 फरवरी को जमात-ए-इस्लामी जम्मू एवं कश्मीर को प्रतिबंधित कर दिया। केंद्र ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत इसे एक गैरकानूनी संघ घोषित कर दिया।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश में कहा गया कि संगठन ऐसी गतिविधियों में शामिल है जो आंतरिक सुरक्षा के लिए नुकसानदायक है।
हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने श्रीनगर टीम का पुनर्गठन किया
सोमवार को जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन (एचसीबीए) ने श्रीनगर में अपनी टीम का पुनर्गठन किया है। यह 6 और 7 मार्च को उच्चत्तम न्यायालय में अनुच्छेद 35ए के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान उपलब्ध होगी।
टीम के सदस्य में एसोसिएशन के अध्यक्ष एमए कयूम सहित अन्य वकील शामिल हैं। जारी बयान के आधार पर एसोसिएशन ने कहा है कि मामला 6 मार्च की दैनिक सूची में अभी तक नहीं दिखाया गया है। मगर 6 मार्च की सप्लीमेंटरी कॉज लिस्ट में इस मामले के सूचीबद्ध होने और सात मार्च की दैनिक सूची में सूचीबद्ध होने की संभावना है।
धारा 35-ए क्या है? क्यों मचा है इस पर घमासान
धारा 35-ए जम्मू-कश्मीर की विधान सभा को स्थाई नागरिक की परिभाषा तय करने का अधिकार देता है, जिसे कि14 मई 1954 को लागू किया गया था।
इस धारा के तहत जम्मू-कश्मीर के अलावा भारत के किसी भी राज्य का नागरिक जम्मू-कश्मीर में कोई संपत्ति नहीं खरीद सकता नाहीं वह वहां का नागरिक बन सकता है।